संक्रमितों के इलाज और सम्मान से अंतिम संस्कार पर आज सुनवाई, पूर्व कानून मंत्री ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर नोटिस लेने का आग्रह किया था

सुप्रीम कोर्ट कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज और इससे हो रही मौतों में शवों के अंतिम संस्कार के तरीकों पर आज सुनवाई करेगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट, साथ ही पूर्व कानून मंत्री और वकील अश्विनी कुमार के एक पत्र में आरोप लगाया गया था कि कोरोना संक्रमितों का ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा। इसके अलावा इस महामारी से जान गंवाने वालों के शवों का गरिमापूर्ण तरीके से अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा रहा।

अश्विनी कुमार ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे को पत्र भेजकर नोटिसलेने का आग्रह किया था। उन्होंने पत्र में मध्यप्रदेश में एक मरीज के शव को जंजीरों से बांधकर रखने और कुछ जगहों परअस्पतालों में मरीजों के शव एक-दूसरे पर रखने की घटना काहवाला दिया। पत्र में सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार के नागरिक अधिकार का भी जिक्र किया।चीफ जस्टिस ने यह केस जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई वाली बेंच को भेजा है। इसमें, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह भी शामिल हैं।

मजदूरों के मामले में भी नोटिसलिया था
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मामले में भी नोटिसलिया था। अदालत ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को 15 दिन में मजदूरों को उनके घर भेजने का आदेश दिया था।

चेन्नई के शेल्टर होम में संक्रमण के मामले में भी नोटिसलिया
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के एक शेल्टर होम में 35 बच्चों के कोरोना संक्रमित होने पर भी नोटिसलिया है और राज्य सरकार से पूछा है कि वह बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है।



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यह तस्वीर नई दिल्ली की है। यहां कोरोना के मरीज के शव का उसके परिजन और स्वास्थ्यकर्मी अंतिम संस्कार कर रहे हैं। पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे को भेजे पत्र में लिखा कि अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के शवों का प्रबंधन ठीक से नहीं हो रहा।


source /national/news/supreme-court-hear-plea-on-treatment-and-handling-of-dead-bodies-of-coronavirus-patients-news-updates-127401505.html

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