उद्योगों ने कोरोना से सबक सीखा, अब इंडस्ट्रियल एरिया में ही होगी वर्कर्स के रहने की व्यवस्था; स्कूल और अस्पताल भी बनेंगे
कोरोना जैसी महामारी के दौरान देश के इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में प्रोडक्शन बंद न करना पड़े, इसके लिए अब कारखानों के साथ ही घर, हॉस्पिटल और स्कूल-कॉलेज आदि की सुविधाएं मिलेंगी। नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनआईसीडीसी) समेत विभिन्न राज्यों की सरकारों ने इस तरह की प्लानिंग शुरू कर दी है।
यही नहीं, जिन इंडस्ट्रियल पार्काें का निर्माण शुरू हो चुका था, उनमें भी हाउसिंग और कमर्शियल क्षेत्रों के लिए ज्यादा जमीन रखी जा रही है ताकि अनावश्यक ट्रांसपोर्टेशन से बचा जा सके। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) में आने वाले इंडस्ट्रियल पार्काें में राज्य सरकारें रेसिडेंसियल एरिया को अनिवार्य रूप से शामिल कर रही हैं।
एनआईसीडीसी ने गुजरात, मप्र, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र को इसके निर्देश दिए हैं। जबकि अमृतसर-कोलकाता, चेन्नई-बेंगलुरू, बेंगलुरू-मुंबई और ईस्ट कोस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर में भी इस तरह के प्रावधान किए जाएंगे। एनआईसीडीसी के सीईओ के संजय मूर्ति ने बताया कि डीएमआईसी में इंडस्ट्रियल पार्कों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
डीएमआईसी के तहत महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में दिघी की करीब 9500 हेक्टर जमीन पर नए इंडस्ट्रियल पार्क को हाल ही में राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने बताया कि भविष्य में इस तरह की समस्या ना हो, इसके लिए इस पार्क मे इंडस्ट्रीज के साथ ही रेसिडेंसियल जोन होगा।
वहीं, मध्यप्रदेश में बनने जा रहे 18 नए औद्याेगिक पार्क में इन बदलावाें काे अपनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने कहा किकोरोना की वजह से अब नए औद्योगिक क्षेत्रों में ही रेजिडेंशियल, कमर्शियल एरिया के साथ ही होटल, सिनेप्लेक्स, मॉल आदि का प्रावधान रखेंगे।
मप्र: हाउसिंग की वजह से ही लॉकडाउन में 300 इंडस्ट्री बंद नहीं हुई
एमपीआईडीसी के ईडी कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि लॉकडाउन में पीथमपुर में प्राइवेट हाउसिंग की वजह से 300 उद्याेग चालू रहे। हमने पहले ही 1200 एकड़ में स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया है, जिसमें 720 एकड़ में से 150 एकड़ सिर्फ रेजिडेंशियल और कमर्शियल गतिविधियों के लिए रखा गया है। इनमें करीब 10 हजार लोग रह सकेंगे।
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