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2019 के लोकसभा चुनाव के लिए फेसबुक कस रहा है अपनी कमर
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| File Photo |
अमेरिका में चुनावों के दौरान फेसबुक से यूज़र्स के डाटा लीक होने और इसका चुनाव में गलत फायदा उठाने की बात सामने आई थी। ये मामला इतना गरमा गया था कि खुद फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग को सामने आकर माफी मांगनी पड़ी थी। अब अगले साल 2019 में भारत में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और शायद इस बात को लेकर फेसबुक के अभी से ही पसीने छूटने लगे हैं। शायद उसे डर है कि कहीं अमेरिका की तरह भारत में भी यूज़र्स का डाटा लीक करके चुनावों में धांधली ना हो जाए।
टास्क फोर्स का गठन
इस धांधली से बचने के लिए फेसबुक ने अपनी साइट को दुरुपयोग से सुरक्षित रखने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया है। फेसबुक के इस टास्क फोर्स में सैंकड़ों लोग होंगें। 2019 के चुनाव के लिए ईएमईए के वाईस प्रेजिडेंट ने कहा है कि उनकी कंपनी राजनीतिक पार्टियों के साथ काम करने के लिए एक टीम का गठन कर रही है। इस टीम में सुरक्षा विशेषज्ञ और कॉन्टेंट स्पेशलिस्ट होंगें जो भारत में चुनाव संबंधी सभी प्रकार के दुरुपयोग को समझने की कोशिश करेगी।
क्या होगा काम
भारत के लोकसभा चुनावों में ये टीम असली और नकली खबरों के बीच अंतर करेगी। टीम में भारतीय लोगों को ही शामिल किया जाएगा जोकि इस पूरी प्रक्रिया और भारतीय चुनाव की प्रक्रिया में जानकारी रखते हों। इस टीम में मौजूद कर्मचारी तो रहेंगें ही साथ ही नए लोगों को भी भर्ती किया जाएगा।
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि वो निष्पक्ष चुनाव के लिए भारत के साथ-साथ बाकी देशों की भी मदद करना चाहते हैं। अप्रैल में मार्क ने अपने बयान में कहा था कि वो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का दुरुपयोग चुनाव में करने से रोकने की भरपूर कोशिश करेंगें।
भारत के अलावा फेसबुक ब्राजील, भारत, मेक्सिको और अमेरिका में होने वाले चुनावों और उसमें फेसबुक के प्रभाव को समझने की कोशिश में लगी हुई है। अभी फेसबुक में जिन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है उसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंअेलिजेंस शामिल है। इसके साथ ही फेसबुक में कम्युनिटी के रिपोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है जो उसके मंच पर इसकी नीतियों का उल्लंघन करने वाले कंटेंट को चिह्नित करता है।
कांग्रेस कर सकती है धांधली
अमेरिका में चुनावों को लेकर इंग्लैंड की डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका का नाम सामने आया था। खबरों की मानें तो इस कंपनी ने ट्रंप की मदद कर उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करवाई थी। अब बीजेपी पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस का एनालिटिका के साथ संबंध हैं। इस मामले में कानून मंत्री तक ने बयान दिया था कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैंब्रिज एनालिटिका भारत में कांग्रेस पार्टी के संपर्क में थी और ये राहुल गांधी को जिताने के लिए रणनीति बनाने में लगी हुई है।
इस पलटवार करते हुए कांग्रेस ने खुद बीजेपी को चुनाव धांधली करने वाला बताया है। साल 2010 में एनालिटिका कंपनी से चुनाव में मदद लेने का आरोप लगाया है। बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने साल 2010 में एनालिटिका कंपनी का सहारा लिया था और ये आरोप कांग्रेस की ओर से लगाया गया है।
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