बिड़ला सहारा डायरी केस से जुड़ा है पीएम मोदी का नाम

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हमारे देश में गरीबी और भूखमरी से भी ज्‍यादा गंभीर अगर कोई समस्‍या है तो वो भ्रष्‍टाचार है। भले ही भाजपा ने लोकसभा चुनावों में भ्रष्‍टाचार को जड़ से खत्‍म करने की बात कही थी लेकिन सभी जानते हैं कि भ्रष्‍टाचार में सबसे ज्‍यादा लिप्‍त नेता लोग ही रहते हैं जोकि भाजपा में भी हैं।
आज हम आपको देश के एक बड़े ही गंभीर भ्रष्‍टाचार के मामले के बारे में बताने जा रहे हैं।
बिड़ला-सहारा डायरी केस
साल 2013 को अक्‍टूबर के महीने में आयकर विभाग और सीबीआई ने आदित्‍य बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के कई दफ्तरों में एकसाथ छापा मारा था। इस छापेमारी के दौरान दिल्‍ली के कॉरपोरेट ऑफिस से 25 करोड़ रुपए के नकद के साथ ही बड़ी संख्‍या में दस्‍तावेजों, नोट शीट, अनौपचारिक खातों, ईमेल, कंप्‍यूटर हार्ड डिस्‍क और इस तरह की कई दूसरी चीज़ें बरामद हुई थीं।
इस छापेमारी में जो भी कागजात मिले उन्‍हें सीबीआई ने आयकर विभाग को सुपुर्द कर दिए थे। जो भी नकद बरामद हुआ उसके लिए डीजीएम अकाउंट्स के संरक्षक आनंद सक्‍सेना से आयकर विभाग ने पूछताछ की थी। आनंद ने बताया कि कंपनियों को ये नकद कई हवाला डीलरों से मिला था और ये पैसे एक दिन छोड़कर आते थे और 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक के नकद में देकर जाया करते थे। एक हवाला डीलर का नाम भी आनंद ने बताया था जिससे विभाग ने पूछताछ की थी। इस डीलर ने स्‍वीकार किया था वो ये सब काम कर रहा था।
इस मामले में आनंद ने यह भी खुलासा किया कि ग्रुप के अध्‍यक्ष शुभेंदु अमिताभ के इशारे पर ये सारा नकद कुछ खास लोगों तक पहुंचाया जाता था। अपने अलावा उन्‍होंने चार और वरिष्‍ट अधिकारियों का नाम लिया था जिनके पास इस नकद को ठिकाने लगाने का जिम्‍मा दिया था।  आनंद ने अपने बयान में ये बात साफ की है कि इन पैसों का किस काम के लिए इस्‍तेमाल किया जाता था, इसकी उसे कोई जानकारी नहीं है।
साल 2014 में जब मोदी सरकार का कार्यकाल शुरु हो चुका था और इस मामले में बिड़ला ग्रुप को सहारा कंपनी ने भी अपना सहारा दिया था। आयकर विभाग ने सहारा समूह पर भी छोपमारी की थी। इस छापे में 137 करोड़ रुपयों के अलावा कॉरपोरेट ऑफिस के कई कंप्‍यूटर स्‍प्रेड शीट और नोट शीट बरामद हुए। इन दस्‍तावेजों में भी सरकारी कर्मचारियों को भुगतान करने की बात उजागर हुई थी।
इस स्‍प्रेडशीट में जिस इंसान के नाम सबसे ज्‍यादा भुगतान किया गया था वो थे गुजरात के सीएम मोदी जी। इन सभी एंट्रीज़ के मुताबिक उन्‍हें 8 किश्‍तों मे लगभग 40 करोड़ पहुंचाए गए थे। इसके बाद सबसे ज्‍यादा पैसे मध्‍य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिए गए थे। उन्‍हें 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के सीएम को 4 करोड़ और दिल्‍ली के सीएम यानि शीला दीक्षित को 1 करोड़ की राशि दी गई थी।
इस मामले में सहारा समूह को भी क्‍लीन चिट नहीं दी जा सकती है। इस केस में कई सरकारी अधिकारियों और नेताओं के नाम जुड़े हुए हैं। 
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