पहली मीटिंग अगले 10 दिन में संभव, 5 अन्य सदस्यों के चयन के बाद तय हो सकती हैं भूमिकाएं
जीवन मंत्र डेस्क. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन में संतोंको सदस्य बनाया गया है। ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि, महामंडलेश्वर गोविंददेव गिरि और पेजावर पीठाधीष स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ को ट्रस्ट में चुना गया है। दैनिक भास्कर ने स्वामी परमानंद गिरि और स्वामी गोविंद देव गिरि से ट्रस्ट के गठन और उनकी भूमिकाओं को लेकर चर्चा की।
पहली प्राथमिकता 5 सदस्यों का चयन :स्वामी गोविंददेव गिरि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में मनोनीत सदस्य स्वामी गोविंद देव गिरि जी ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि एक महीने पहले विश्व हिंदूपरिषद के राष्ट्रीय कार्यालय से फोन आया था कि अगर आपका चयन हुआ तो आप इनकार तो नहीं करेंगे। इसके बाद इस संबंध में किसी से चर्चा नहीं हुई। ट्रस्ट में बतौर सदस्य चुने जाने की सूचना उन्हें मीडिया के जरिए ही मिली। अभी ट्रस्ट में क्या भूमिका मिल सकती है, इसको लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है। संभवतः अगले 10 दिन में ट्रस्ट की पहली मीटिंग हो सकती है।
स्वामी गोविंद देव जी रामजन्म भूमि के मामले में लंबे समय से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे बताते हैं- पहली प्राथमिकता ये है कि सारे सदस्य मिलकर उन 5 सदस्यों का चयन करें, जिनका स्थान अभी ट्रस्ट में खाली रखा गया है। इसके लिए योग्य व्यक्तियों के नामों पर विचार किया जाएगा। पहली मीटिंग के बाद ही ट्रस्ट की कार्यशैली और सदस्यों की भूमिका के बारे में चीजें स्पष्ट हो सकेंगी। राम मंदिर निर्माण कब से शुरू हो सकता है? इस सवाल के जवाब में स्वामी गोविंद देव गिरि जी का कहना है कि माघ मेले में संत समाज की बैठकों और सम्मेलन में रामनवमी और अक्षय तृतीया दो तिथियों पर चर्चा की गई है, लेकिन अभी ये कहना मुश्किल होगा कि इतनी जल्दी ये सब कैसे संभव हो पाएगा। ट्रस्ट की पहली मीटिंग के बाद ही इस पर कुछ कहने की स्थिति बन सकेगी।
पहली मीटिंग के बाद तय होगी भूमिका - युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में बतौर सदस्य मनोनीत हुए युगपुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज ट्रस्ट के गठन को सरकार का बड़ा कदम मानते हैं। भास्कर से चर्चा के दौरान स्वामी जी के उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी ने बताया कि लंबे समय से सरकार और संगठन के साथ राम मंदिर निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा चल रही थी। ट्रस्ट में उनका नाम किसने प्रस्तावित किया, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ट्रस्ट गठन की पहली कॉपी उन्हें मिल गई है।
स्वामी परमानंद गिरि जी ने रामजन्मभूमि अभियान में सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि राम जन्मभूमि और अयोध्या हिंदू संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। ट्रस्ट को लेकर भारत सरकार और रामजन्म भूमि न्यास से उनकी लगातार चर्चा चल रही थी।
ट्रस्ट में अपनी भूमिका को लेकर स्वामी जी का कहना है कि अभी भूमिका को लेकर कोई बात नहीं हुई है। संभवतः जल्दी ही ट्रस्ट की पहली मीटिंग होगी, इसमें ट्रस्ट की कार्यशैली और सदस्यों के दायित्वों का निर्धारण होगा। जो भी भूमिका और काम मिलेगा, उसे राम सेवा के रूप में करेंगे। सरकार और संगठन ने इस बारे में बता दिया है।
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source /religion/dharam/news/ram-temple-trust-first-meeting-possible-in-next-10-days-roles-may-be-decided-after-selection-of-5-other-members-126701837.html
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