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गुजरात घोटाले की वजह से ठप्प हुई थी बिटकॉइन करेंसी
देश में आए दिन किसी ना किसी घोटाले का खुलासा होता रहता है। अब गुजरात में हुए करीब 3 अरब डॉलर यानि 2 खरब रुपए मूल्य के बिटकॉइन घोटाले की चर्चा हो रही है। क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है और आपको बता दें कि ये घोटाला इतना दिलचस्प है कि इस पर कोई हॉलीवुड मूवी या वेब सीरीज़ बन सका ती है। एक मसाला मूवी के लिए जो कुछ भी चाहिए होता है जैसे कि मार-धाड़, एक्शन वो सब इस घोटाले में मौजूद है और पैसा तो इतना कि पूछिए मत।
इस घोटाले में अपहरण, भगोड़ा, केंद्र सरकार का विवादित निर्णय, भ्रष्ट पुलिस और व्यापारी, एक पीडित जो संदिग्ध भी है और हां क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी।
घोटाले का कैसे हुआ खुलासा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी के महीने में प्रॉपर्टी डेवलेपर शैलेश भट्ट गुजरात के गृह मंत्री के कार्यालय पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने दावा किया कि खुद गुजरात की पुलिस ने उनका अपहरण कर लिया था और फिरौती में उनसे करीब 200 बिटकॉइन मांगे थे। आपको बता दें कि 200 बिटाकॉइन की कीमत लगभग 1 अरब रुपए है।
सीआईडी ने की जांच
शैलेश के इस दावे की जांच के लिए सीआईडी को नियुक्त किया गया। इस टीम के प्रमुख आशीष भाटिया थे। जांच के शुरु होने के बाद से लेकर अब तक लगभग 8 पुलिसवालों का नाम सामने आ चुका है। इन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। सीआईडी टीम को शक है कि शैलेश के अपहरण को उसके सहयोगी किरीट पलडिया ने ही अंजाम दिया था जबकि पलडिया के चाचा और बीजेपी के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया साजिश में शामिल थे।
खुद शैलेश पर है शक
इस जांच में शक की निगाहें खुद पीडित पर भी उठ रही हैं। पलडिया अभी जेल में हैं लेकिन शैलेश और पूर्व विधायक कोटडिया फरार हैं। अप्रैल महीने में वॉट्सऐप पर एक वीडियो भेजकर कोटडिया ने खुद को निर्दोष बताया था। उनका दावा था कि इस बिटकॉइन घोटाले में खुद शैलेश शामिल है। कोटडिया ने वीडियो में धमकी दी है कि वो कुछ ऐसे राजनेताओं के नाम भी खोल सकते हैं जो इस घोटाले से जुड़े हैं।
पोंजी स्कीम
खबरों की मानें तो साल 2016 से 2017 के बीच शैलेश ने बिटकनेक्ट नाम की एक क्रिप्टोकरेंसी कपंनी में निवेश किया था। यह कंपनी सतीश कुंभानी ने बनाई थी। यह एक पोंजी सकीम थी जिसमें दुनियाभर के निवेशकों को बिटकनेक्ट में अपने-अपने बिटकॉइन जमा कराने को कहा गया जिस पर 40 प्रतिशत ब्याज देने का वादा हुआ था।
ये कपंनी बिटकॉइन जमा कराने वालों को बिटकनेक्ट कॉइन्स दिया करती थी। इसमें ये भी कहा गया था कि जो जितना ज्यादा निवेशक लाएगा उसकी ब्याज दर उसी अनुपात में बढ़ जाएगी। बिटकनेक्ट में 3 अरब डॉलर मूल्य के बिटकॉइन्स जमा किए जा चुके थे।
अमेरिका में 6 निवेशकों के एक समूह पर बिटकनेक्ट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है और इसके बाद 4 जनवरी, 2018 को टेक्सस और पांच दिन बाद नॉर्थ कैरोलिना ने बिटकनेक्ट के खिलाफ सीज एंड डेसिस्ट ऑर्डर फाइल कर दिए। अमेरिका में केस होने के बाद ये आग भारत तक भी आ गई।
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