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शुरु होने से पहले ही जियो के टॉप लिस्ट में आने की मिल गई वजह
देश के सबसे अमीर घराने और अंबानी परिवार का रूतबा कुछ ऐसा है इनका हर काम खबर बन जाता है। हाल ही में मुकेश अंबानी ने जियो इंस्टीट्यूट शुरु करने की घोषणा की थी जिससे शिक्षा क्षेत्र में खलबली मच गई थी।
मुकेश अंबानी ने जब जियो सिम लॉन्च की थी तो उस समय पूरे देश में खलबली मच गई थी और बाकी टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब अंबानी साहब ने जियो इंस्टीट्यूट खोलने की बात कह कर सबको हैरानी में डाल दिया था।
टॉप संस्थानों में हुआ शामिल
ये बात बड़ी हैरान कर देने वाली है कि जो शिक्षण संस्थान अभी शुरु भी नहीं हुआ उसका नाम देश के शीर्ष संस्थानों में शामिल हो गया है। जी हां, जियो इंस्टीट्यूट का नाम अभी से ही देा के नामचीन शिक्षण संस्थानों की लिस्ट में शामिल हो गया है। आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईएससी बैंगलोर जैसे संस्थानों की कैटिगरी में जियो को शामिल किया गया है।
कुछ समय पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने देश के 6 उत्कृष्ट संस्थानों की लिस्ट जारी की थी जिसमें जियो का नाम भी शामिल किया गया था।
कांग्रेस ने जताया विरोध
बीजेपी सरकार के जियो इंस्टीट्यूट के अस्तित्व में आने से पहले ही इसे शीर्ष संस्थानों में शामिल करने से कांग्रेस ने इसका विरोध जताया है। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि – एक बार फिर बीजेपी सरकार मुकेश और नीता अंबानी को सपोर्ट कर रही है वरना जो इंस्टीट्यूट अभी चालू भी नहीं हुआ वो आईआईटी जैसे संस्थानों के साथ कैसे आ सकता है।
यूजीसी का बयान
इस बारे में यूजीसी का कहना है कि ग्रीनफील्ड इंस्टीट्यूशंस के नियमों के तहत जियो इंस्टीट्यूट का चयन किया गया है। इसके एक अधिकारी ने बताया कि कुल 11 संस्थानों ने इस कैटिगरी के लिए आवेदन किया था जिसमें से जियो को चुना गया। जब जियो को इस लिस्ट में शामिल करने पर सवाल उठने लगे तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सफाई देते हुए इसे नियमानुकूल बताया। उनका कहना है कि यूजीसी रेगुलेशन 2017, के अनुच्छेद 6.1 के अनुसार उन संस्थानों को भी चुना जा सकता है जो अभी खुले नहीं हैं।
संस्थानों का चयन तीन वर्गों में किया जाता है। पहले वर्ग में आईआईटी जैसे सार्वजनिक संस्थान, दूसरे में निजी संस्थान और तीसरे वर्ग में ग्रीनफील्ड है। इनमें प्रस्तावित संस्थानों को जगह मिलती है। ग्रीन फील्ड के लिए कुल 11 प्रस्ताव आए थे जिनमें से टॉप 6 के लिए जियो इंस्टीट्यूट को भी चुना गया।
बीजेपी सरकार ने ये बात साफ कर दी है कि उन्होंने नियम के अनुसार ही जियो इंस्टीट्यूट को देश के शीर्ष संस्थानों में शामिल किया है। हालांकि, ये बात किसी भी राजनेता और देशवासी को हजम नहीं हो रही कि इतनी जल्दी जियो को टॉप इंस्टीट्यूट में शामिल करने की जरूरत क्या थी।
अभी पता नहीं जियो को बनने में कितना समय लगेगा और तब तक किसी और शिक्षण संस्थान को शीर्ष की लिस्ट में जगह मिल सकती थी लेकिन यहां तो उल्टा ही हो गया।
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