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गुजरात में कई गलत कामों से जुड़ा है पीएम मोदी का नाम
भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले पीएम मोदी गुजरात राज्य के सीएम रह चुके हैं और उनके कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ था जिसने उनकी छवि को दागदार कर दिया था। अब फिर से एक ऐसा ही मामला सामने आ रहा है जिससे मोजी जी की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
गुजरात के दो भाईयों प्रदीप शर्मा और कुलदीप शर्मा से ये मामला जुड़ा है। दोनों ही पुलिस में ऊंचे पद पर आयुक्त थे। साल 2010 में 6 जनवरी की सुबह को प्रदीप शर्मा को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर 2007 में कच्छ में आए भूकंप से संबंधित घोटाले का आरोप लगा था। भूकंप के बाद सरकार द्वारा एक संस्था को जमीन दी गई थी और उसकी कीमत भी सरकार ने ही तय की थी लेकिन शर्मा ने इसमें अपनी दखलअंदाजी की और सरकार से ज्यादा मांगे ट्रस्ट के सामने रखीं। शर्मा की गिरफ्तारी के बाद गुजरात सरकार ने उनकी बेल पर काफी जोर दिया था।
इसके बाद मार्च 2010 में गुजरात सरकार ने कुलदीप शर्मा के खिलाफ 9 साल पुराने केस को दोबारा खोलने की मंजूरी दे दी। गुजरात सीआईडी ने एफआईआर में कुलदीप शर्मा और तीन अन्य लोगों पर 1984 में हुए दंगों के संबंध में फेक एनकांउटर करने का आरोप लगाया। अगले महीने ही सितंबर में प्रदीप को बेल मिल गई। इकसे बाद गुजरात सरकार ने उन पर एक और केस थोप दिया जिसमें उन पर वेल्सपन ग्रुप को गैरकानूनी तरीके से जमीन देने का आरोप लगाया।
मई 2011 में प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने ये आरोप लगाया कि मोदी उन्हें प्रताडित कर रहे हैं और चूंकि मोदी मानसी सोनी के साथ अपने संबंधों को छिपाना चाहते हैं इसलिए वो मुझे धमकियां दे रहे हैं। मनसा सोनी पीएम मोदी और प्रदीप शर्मा की करीबी दोस्त बताई जाती हैं।
प्रदीप शर्मा ने अपनी याचिका में लिखा था कि उन्हें अमित शाह के खिलाफ उठाए गए उनके भाई के कदम की वजह से प्रताडित किया जा रहा है और मनसा सोनी के मोदी के साथ अनैतिक संबंध हैं।
वहीं दूसरी ओर गुजरात के आईपीएस ऑफिसर जीएल सिंघल को फोन पर लगातार अमित शाह से धमकियां मिल रही थीं। इन सभी ने मिलकर कई गलत काम किए थे और सिंघल को डर था कि मोदी और शाह आगे चलकर उसे धोखा देंगें इसलिए उसने अमित शाह की धमकी भरी कॉल्स रिकॉर्ड कर लीं थीं। इशरत जहां फेक एनकाउंटर में आरोपी सिंघल ने सीबीआई को ये रिकॉर्डिंग दे दी। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस और अमित शाह जानबूझकर अपनी ताकत का गलत फायदा उठाते हुए एक मासूम अविवाहिक महिला को बदनाम कर रहे हैं।
इस मामले में कभी भी अमित शाह और पीएम मोदी की तरफ से कोई बयान नहीं दिया गया और ये मामला अब तक सुलझ नहीं पाया है।

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