अरबों रु. की जमीन के दावेदार, पर न रहने को पक्का घर और न सोने को नर्म बिस्तर
रांची (पंकज त्रिपाठी). रांची की सबसे ऊंची बिल्डिंग के दावेदार 70 वर्षीय तेतरा पाहन की आंखों में अब थोड़ी चमक लौटी है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद वह कहते हैं कि हमारी 2.5 एकड़ जमीन मिल जाएगी, जो मोदी बंधुओं ने गलत तरीके से ली। उस पर बड़े-बड़े अपार्टमेंट बना रहे थे। कोर्ट में लड़ाई चलती रही ओर भवन बनकर तैयार हो गया। तेतरा गुरुवार को अपने घर में भास्कर से बातचीत कर रहे थे।
लालपुर मुख्य सड़क पर 2.5 एकड़ जमीन के विवाद के मामले में हाईकोर्ट ने तेतरा पाहन व जतरू पाहन के पक्ष में फैसला दिया है। अरबों की इस बेशकीमती जमीन पर ही रांची की सबसे ऊंची दो बिल्डिंग बनी हैं। सुभाष कुमार मोदी ओर गौतम मोदी ने इस जमीन पर अपना दावा करते हुए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। तेतरा पाहन और अन्य के पक्ष में पूर्व में एसएआर कोर्ट, डीसी तथा कमिश्नर के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। पर, कोर्ट ने पूर्व के आदेश को सही बताते हुए रिट खारिज कर दी।
गौतम मोदी ने विवादित जमीन के मामले में आए कोर्ट के फैसले को खंडपीठ में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने बताया कि जिस जमीन पर कोर्ट का फैसला आया है, उसमें इमारतों का निर्माण नहीं किया गया है। इमारत के बगल की जमीन पर विवाद है। जहां इमारत बनी है, वह जमीन उनके परिवार की है।
तेतरा लोअर वर्धमान कंपाउंड, प्रेस क्लब के पीछे पाहन कोचा में रहते हैं। मुख्य सड़क से लगभग दो किलोमीटर अंदर एक मिट्टी के मकान में। उकने साथ उनके तीन बेटे ओर उनकी पत्नी व बच्चे रहते हैं। वह बताते हैं कि पहले टिंबर में काम करते थे, पर अब नहीं। बीमारी के कारण सबसे बड़े बेटे की मृत्यु चार साल पहले हो गई। इलाज कराने को पैसे नहीं थे। घर का हाल दिखाते हुए कहते हैं कि हम सभी जमीन पर सोते हैं। मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनता है। बेटे मजदूरी करते हें। पहले कांटाटोली के पास रहते थे, 1984 में इस घर में आ गए।
तेतरा ने बताया कि कोर्ट का फैसला आने की जानकारी बेटों ने दी। पर, मोदी बंधु अभी भी कह रहे हैं कि विवाद दूसरी जमीन पर है। जिस जमीन पर बिल्डिंग बनी है, उस पर नहीं है। यह गलत है। हम लोगों ने हाईकोर्ट में बिल्डिंग बनाने के समय ही रोक लगाने की मांग की थी, पर उस समय ऐसा नहीं हो सका। अब सब साफ हो जाएगा। वे लोग मुझे नापकर 2.5 एकड़ जमीन दे दें, तो सब साफ हो जाएगा।
तेतरा ने बताया कि 50 साल से मुकदमा लड़ रहे हैं। सब जगह जीत रहे, पर बिल्डिंग मोदी लोग ही बना रहे हैं। हाईकोर्ट के फैसले के पहले एसएआर कोर्ट ने उन्हें जमीन लौटाने को कहा, फिर डीसी कोर्ट ने फैसला दिया, कमिश्नर कोर्ट ने भी कहा कि वह पूजा की जमीन है, उसे लौटाओ पर कुछ नहीं हुआ। अब हाईकोर्ट ने भी कहा है कि पहले का आदेश ठीक है।
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