आज हो सकता है लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान, शाम 5 बजे चुनाव आयोग करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस, 7 से 9 चरणों में हो सकता है मतदान
नेशनल डेस्क. चुनाव आयोग आज (रविवार) शाम 5 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है, जिसमें 17वीं लोकसभा के लिए चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है। सोर्सेस के मुताबिक अप्रैल और मई के दौरान 7 से 9 चरणों में मतदान हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर के अलावा ओडिशा, आंध्रप्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग भी हो सकती है। जम्मू-कश्मीर में आम चुनाव के साथ ही विधानसभा की वोटिंग कराने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। साल 2014 में हुए पिछले आम चुनाव के लिए 7 अप्रैल से 12 मई के बीच नौ चरणों में मतदान हुआ था। वोटों की गिनती 16 मई को हुई थी। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 6 जून को समाप्त हो रहा है।
आम चुनाव में सिर्फ तीसरी पीढ़ी की ईवीएम
- चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में पूरी तरह टैंपर प्रूफ कही जाने वाली तीसरी पीढ़ी की ईवीएम ही इस्तेमाल करने का फैसला किया है। 16 लाख नई मशीनें खरीदी गई हैं। छेड़छाड़ की कोशिश होते ही यह मशीन फैक्ट्री सेटिंग मोड में चली जाएगी और इसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
- कंपनी में ही इन्हें दोबारा शुरू किया जा सकेगा। इन मशीनों से छेड़छाड़ की कोशिश करने वाले की पहचान भी संभव है। आम चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में 20 मई तक मतदान जरूरी
- जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 19 जून से राज्यपाल शासन लागू है। 21 नवंबर को विधानसभा भंग हुई थी। विधानसभा भंग होने के छह माह में चुनाव करवाना जरूरी है। ऐसे में यहां 20 मई तक चुनाव कराना होगा। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन की अवधि खत्म होने के बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू है।
- आयोग के एक शीर्ष पदस्थ सूत्र ने बताया कि संबंधित पक्षों की रायशुमारी और सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा के बाद आयोग जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ करवाने पर सहमत हुआ है। आयोग ने पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सभी पक्षों से बातचीत की थी।
- जम्मू-कश्मीर के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों का ब्लू प्रिंट आयोग को मिल चुका है। सुरक्षा बलों की आवाजाही की योजना को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। पिछले आम चुनाव में देशभर में सवा नौ लाख मतदान केंद्र थे। इनकी संख्या में 8 से 10% वृद्धि संभव है।
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