एआईएडीएमके ने कहा- मोदी हमारे डैडी हैं
चेन्नई. प्रदेश के दूध और डेयरी विकास मंत्री केटीआर बालाजी (एआईएडीएमके) से जब पूछा गया कि गुजरात के मोदी और तमिल नाडु में से कौन बेहतर है? तो उनका कहना था कि, 'मोदी उनकी पार्टी कैडर के डैडी हैं। भारत के डैडी हैं। हम उनकी लीडरशिप को स्वीकार करते हैं।' 2014 से 2019 के बीच भाजपा और एआईएडीएमके के रिश्तों में बड़ा बदलाव आया है।
2014 के चुनाव में एआईएडीएमके प्रमुख और स्वर्गीय मुख्यमंत्री जे.जयललिता रैलियों में लोगों से पूछती थीं कि 'कौन बेहतर प्रशासक है? गुजरात का मोदी या तमिल नाडु लेडी?' लोग चिल्लाकर कहते थे 'लेडी'।
उस दौरान एआईएडीएमके ने सभी 39 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से पार्टी ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। साल 2016 में जयललिता की मौत के बाद सबकुछ बदल गया।
उपमुख्यमंत्री ओ.पनीरसेल्वम पार्टी से बाहर हुए, फिर शामिल किए गए। इसके बाद टीटीवी धिनकरण और वीके शशिकला को बाहर किया गया।
हालांकि एआईएडीएमके सरकार ने मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने दो साल सर्वाइव किया। अगला फोकस उपचुनाव में विधानसभा की 21 सीटों को जीतने पर है।
सदन के 235 सदस्यों में एआईएडीएमके के पास 114, डीएमके के 88, कांग्रेस के 8, आईयूएमएल का एक, एक निर्दलीय, एक स्पीकर और 21 खाली सीटें (19 अयोग्य घोषित की गईं जबकि 2 सदस्यों की मौत हो गई) और एक नामांकित सदस्य है।
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