सरकार ने जजों के लिए 64 विग बनवाने में खर्च किए 1 करोड़ रु., लोगों में गुस्सा

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

हरारे. जिम्बाब्वे सरकार ने देश की अदालतों के 64 जजों के लिए लंदन से 1.55 लाख डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपए) की विग मंगाई है। इस फिजूलखर्ची पर देशभर में लोगों ने गुस्सा जताया है। खासकर वकील वर्ग ने तो इसे अंग्रेजों के जमाने की परंपरा बताकर गुलामी की मानसिकता से बाहर आने की अपील की है।

सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, हाल ही में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की रिपोर्ट में सामने आया था कि देश की अर्थव्यवस्था काफी बुरे दौर से गुजर रही है और करीब 63% जनता गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने के लिए मजबूर है। इसके अलावा अदालतों की हालत भी बेहद बुरी है, क्योंकि लोगों को कानूनी मदद पहुंचाने में भी सुधार का स्तर काफी धीमा है।

एक विग की कीमत 1.68 लाख रुपए
एक पारंपरिक परिधान के तौर पर पहनी जाने वाली इस विग का जिम्बाब्वे के चीफ जस्टिस ने समर्थन किया है। हालांकि, 2428 डॉलर (करीब 1.68 लाख रुपए) की विग भुखमरी से जूझ रहे देश के लिए बड़ी कीमत है।न्यायविद अंतरराष्ट्रीय आयोग के अफ्रीकी निदेशक अर्नाल्ड सुंगा ने कहा कि जिम्बाब्वे में इतने खर्च और विवादों के बाद भी विग परंपरा जारी है, जबकि इससे न्याय के क्षेत्र में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता। वहीं देश के जाने-माने पत्रकार होपवेल चिन्होनो ने कहा कि सरकार इस वक्त देश के लोगों को बैंडेज और मेडिकल सेवाएं देने में असमर्थ है, लेकिन वह बेवजह के खर्चों में खजाना खाली कर रही है।



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Zimbabwe spent thousands of dollars on judges' wigs and people are angry

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