शहीद रमेश के पिता बोले- धोखे से गद्दारों ने मारा, सामने से आते तो 15 पर भारी पड़ता मेरा बेटा

http://bit.ly/2DGuwZz

लखनऊ.कश्मीर केपुलवामा में हुए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इनमें से12 जवान उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद सैनिको को नमन करते हुएउनके परिजनों के प्रतिसंवेदना प्रकट की है। उन्होंनेशहीद जवानों के परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता औरएक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा किजवानों के पैतृक गांव के संपर्क मार्ग का नामजवानों के नाम पर किया जाएगा। शहीद जवानों के अंतिम संस्कार में प्रदेश सरकार के एक मंत्री, जिलाधिकारी औरएसपी सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा शुक्रवार कोसभी थानों में दो मिनट का मौन रखा गया।

  1. उन्नाव के लोकनगर मोहल्ला निवासी प्यारेलाल का 35 वर्षीय बेटा अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात था। देर रात जब शहादत की खबर आई तो मां राजवती, पत्नी मीना व बेटियों ईशा और श्रेया की मानो दुनिया उजड़ गई। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

  2. कन्नौज के तिर्वा के सुखचैनपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी 115वीं बटालियन में तैनात था। प्रदीप की पत्नी नीरज का रो-रोक बुरा हाल है। उनकी दो बेटी सुप्रिया यादव और सोना यादव को अपने पिता की शहादत पर गर्व है।

  3. आगरा के ताजगंज इलाके के कहरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। मां धन्नो देवी, भाई कमल किशोर और पूरा परिवार बेहाल हो गया। कौशल कुमार रावत का बेटा गुनगांव से पढ़ाई कर रहा है। चार दिन पूर्व ही ड्यूटी जॉइन करने कश्मीर गए थे।

  4. प्रयागराज के तुड़ीहर बदल गांव निवासी महेश कुमार 118 बटालियन में तैनात थे। इस हमले में महेशभी शहीद हुए हैं।महेश के दो बच्चे साहिल पांच साल व समर छह साल का है। पिता राजकुमार यादव ऑटो चालक हैं। पांच दिन पहले ही वह यहां आए थे। बीते मंगलवार को ही वह जम्मू-कश्मीर के लिए यहां से रवाना हुए।

  5. शामली के बनत निवासी प्रदीप कुमार के घर में कोहराम मचा हुआ है। वे भी इस हमले में शहीद हुए हैं। वह 21 वीं बटालियन में तैनात थे। शहीद प्रदीप कुमार के परिवार में तीन भाई और एक बहन है। प्रदीप के एक बेटा और एक बेटी है, जो पढ़ाई कर रहे हैं। आईटीबीपी में तैनात बड़े भाई संजय का कहना है कि, देश को इसका बदला लेना चाहिए, सर्जिकल स्ट्राइक की एक बार और जरूरत है।

  6. वाराणसी के तोफापुर बराइन गांव निवासी रमेश यादव भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं।रमेश की शादी 4 साल पहले रेणु से हुई थी, डेढ़ साल का एक बेटा है।एक भाई प्राइवेट नौकरी मुम्बई में करता है। बहन सरोज के मुताबिक, रमेशने कहा था होली पर आएंगे, गांव में होली खेला जाएगा। सपना टूटा नहीं, बिखर गया। पिता श्याम नारायण ने रो रो कर कहा- मेरेबेटे को धोखे से गद्दारों ने मारा, सामने से तो वह15 पर भारी पड़ता।

  7. कानपुर देहात के डेरापुर थाना के रैगवा के रहने वाले श्याम बाबू शहीद हो गए। बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते हुए ही 2007 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था। श्याम लाल के दो बच्चे हैं। एक लड़का 4 वर्ष का और एक लड़की पांच माह की है।

  8. शामली के मोहल्ला रेपार निवासी अमित कुमार भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। अमित दो साल पहीले सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। अमित अपने छहभाई-बहनों में सबसे छोटा भाई था। अमित के पापा स्थानीय व्यापारी के पास मुनीम का कार्य करते हैं। शहीद अमित के बड़े भाई का कहना है कि, हम लोगों को शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे फोन करके सूचना दी गई। घटना के बाद से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है

  9. देवरिया के भटनी थाना इलाके के छपिया जयदेव निवासी विजय मौर्या सीआरपीएफ के 92 बटालियन में तैनात थे। गुरुवार देर रात जब शहादत की खबर आई तो पूरे गांव में मातम छा गया।

  10. महाराजगंज के रहने वाले जवान पंकज त्रिपाठी भी पुलवामा हमले में शहीद हुए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।पंकज परिवार में सबसे बड़े बेटे थे। पिता ओम प्रकाश ने बताया कि पंकज की शादी छह साल पहले हुई थी। उसके चार साल का बेटा है। वह बाबा के देहांत पर आया था और चार दिन पहले ड्यूटी पर गया था।

  11. चंदौली के मुगलसराय इलाके के बहादुरपुर गांव निवासी अवधेश यादव 2006 में सीआरपीएफ में नियुक्त हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती 45वीं बटालियन में थी। चार भाई-बहनों में सबसे बड़े अवधेश पुलवामा हमले में शहीद हो गए। उनकी तीन साल पहले शादी हुई थी। दो साल का बच्चा है। उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं।

  12. मैनपुरी के बरनाहल स्थित गांव विनायकपुर के सैनिक राम वकील 10 फरवरी को ही छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। पत्नी गीता से वादा करके गए थे कि वापस लौटकर आऊंगा, मुझे अपना मकान बनवाना हैं। रामवकील के तीन छोटे बच्चे हैं। रामवकील के बच्चे इटावा के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। इनका परिवार अपने नाना नानी के साथ रहता है। जैसे ही शहीद होने खबर परिवार को लगी तो पत्नी, बच्चों व परिजनों का रो रो करके बुरा हाल है। घर मे मातम छा गया है। शहीद की शादी 15 वर्ष पहले हुई थी।



    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
      pulwama terror attack 12 jawans shaheed from uttar pradesh
      पुलवामा अटैक।
      pulwama terror attack 12 jawans shaheed from uttar pradesh

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.