पुलवामा हमला: अब तक 40 जवान शहीद, पीएम मोदी के आवास पर हुई 50 मिनट की मीटिंग, इसमें शामिल हुए अजीत डोभाल के साथ देश के चार ताकतवर नेता

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नेशनल डेस्क. जम्मू कश्मीर के पुलवामा स्थित लेथपोरा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए। इसको लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की अहम बैठक हुई। भारत ने इस हमले के तकरीबन 20 घंटे बाद पाकिस्तान के खिलाफ अहम फैसला लिया है। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीन लिया है। भारत ने पाकिस्तान को 1999 में मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। साथ भारत ने इंटरनेशनल कम्युनिटी में पाकिस्तान को अलग-थलग करने का फैसला भी लिया। इस बैठक में रक्षा, गृह, वित्त, विदेश मंत्रियों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शामिल हुए थे।


पाक को अलग-थलग किया जाएगा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, जवानों की शहादत पर कैबिनेट कमेटी ने दो मिनट का मौन रखा। कुछ चीजें हैं जिनपर सीसीएस में चर्चा हुई। हम यहां आपको उसकी जानकारी नहीं दे सकते। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने करेंगे।
- इस आतंकी हमले में जिनका हाथ है, जल्द ही सबूतों के बल पर उनका किरदार को दुनिया के सामने लाएंगे।
- राजनाथ सिंह आज श्रीनगर जा रहे हैं। उनके लौटने के बाद हम ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएंगे ताकि मामले पर चर्चा की जा सके।
- 1986 में भारत ने यूएन में एक प्रस्ताव भेजा था, जो पारित नहीं हुआ,क्योंकि उसमें आतंकवाद की परिभाषा साफ नहीं है। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रस्ताव पारित करने की कोशिश करेंगे।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 12 सदस्यीय टीम शुक्रवार को हमले वाली जगह पर फोरेंसिक साक्ष्य जुटाएगी। इसमें एक आईजी रैंक के अफसर को भी शामिल किया गया है।

कैसे हुआ हमला?
जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो ने दोपहर 3:15 बजे यह फिदायीन हमला किया। उसने एक गाड़ी में विस्फोटक भर रखे थे। जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला लेथपोरा से गुजरा, आतंकी ने रॉन्ग साइड से आकर अपनी गाड़ी जवानों से भरी बस से टकरा दी। जिस बस को हमले के लिए निशाना बनाया गया, वह 76वीं बटालियन की थी और इसमें 39 जवान सवार थे। बताया जा रहा है कि आदिल ने एक गाड़ी में 100 किलोग्राम विस्फोट भर रखा था। पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था।

सबसे बड़ा फिदायीन हमला
जम्मू से श्रीनगर जा रही सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर आतंकियों ने फिदायीन हमला कर दिया था। इस काफिले में 2547 जवान शामिल थे। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। विस्फोटकों से भरी गाड़ी के जरिए अब तक का सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले अक्टूबर 2001 में कश्मीर विधानसभा पर भी इसी तरह हमला हुआ था। इसमें 38 मौतें हुई थीं।



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pulwama terror attack live update: India Strong Step on Pakistan After Kashmir Attack

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