प्रत्यक्षदर्शी जावेद ने बताया: ब्लास्ट की जगह 3 फीट का गड्ढा बना, 8 किमी तक धरती हिली:

http://bit.ly/2SxnYXs

श्रीनगर.प्रत्यक्षदर्शी जावेद ने बताया, 'लेथपोरा में घटनास्थल से 100 मीटर दूर ही मेरी ड्राइफ्रूट और केसर की दुकान है। मैं गुरुवार दोपहर बाद 3:15 बजे दुकान में दाखिल हुआ ही था कि जोरदार धमाका सुनाई दिया। धरती हिल गई। मेरी दुकान की खिड़कियों के कांच टटू गए। दीवार दरक गई। मैं घटनास्थल की ओर भागा।"

वहां पहुंचते ही देखा कि सीआरपीएफ की एक बस के चीथड़े उड़े हुए हैं। कुछ और बसें भी धमाके चपेट में आई थीं। सड़क पर दूर-दूर तक जवानों के अंग बिखरे हुए हैं। बस के छोटे-छोटेटुकड़े हो चुके थे। जिस एसयूवी से विस्फोट किया गया, उसका तो नामों-निशान तक नहीं था। कई जवान जबरदस्त गुस्से में थे, शोक में भी। जहां धमाका हुआ, वहां डिवाइडर पर तीन फीट का गड्ढा बन गया। हम कुछ ही मिनट वहां रुक पाए। जवानों ने हमें वहां से तुरंत हटा दिया। मेरा जानकार जो घटनास्थल से से 8 किमी दूर रहता है, वहां तक धमाके से कंपन महसस हुई। लोग दहशत में घरों में दुबक गए।'

पाक और अफगानिस्तान जैसे अटैक का ट्रेंड बड़े खतरे का इशारा
भास्कर एक्सपर्ट्स लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) सैयद अता हसनैन ने कहा, "कश्मीर के सबसे ज्यादा सुरक्षा वाले जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हुआ यह हमला इशारा करता है कि अभी और हमले हो सकते हैं। सबसे ज्यादा चिंता इस बात की होनी चाहिए कि हमले का तरीका पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसा ही है। कश्मीर में आखिरी बार ऐसा हमला 2004 में हुआ था। तब आतंकियों ने बारामूला में सेना की बस को निशाना बनाया था। आतंकियों ने आईईडी का इस्तेमाल 10 साल बाद किया है। यह दोनों बातें इशारा करती हैं कि हालात अभी और बिगड़ सकते हैं। क्योंकि, ऐसा हमला पूरी तैयारी के साथ होता है। यह तैयारी कई दिनों की होती है। अफगानिस्तान में हालात कुछ ठीक होने के बाद आतंकी संगठन वहां लड़ रहे पाकिस्तानी आतंकियों को कश्मीर भेज रहे हैं। आतंकियों ने इस हमले के जरिए ताकत दिखाने की कोशिश की है, अब बारी हमारी सेनाओं की है।"

अब तक 40 जवान शहीद

  • जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार शाम सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। इसमें सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर लेथपोरा में एक फिदायीन आतंकी ने 350 किलो विस्फोटकों से भरी एसयूवी से सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया।
  • विस्फोट की चपेट में आई दो बसों में से एक के परखच्चे उड़ गए। 78 वाहनों के काफिले में सीआरपीएफ के 2547 जवान थे। इनमें से ज्यादातर छुट्‌टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौट रहे थे। कश्मीर में आतंकियों ने 14 साल बाद कार बम का इस्तेमाल किया है।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
pulwama attack ground zero report 

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.