जवानों के काफिले पर सबसे बड़ा काम बम अटैक, 2 महीने पहले कराची में रची थी साजिश
नई दिल्ली.जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर गुरुवार को हुएआतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए।सीआरपीएफ के काफिले में 78 से ज्यादा गाड़ियां शामिल थीं, जिसमें 2500 से ज्यादा जवान सवार थे। ये सभी छुट्टियां खत्म कर ड्यूटी पर लौट रहे थे। आतंकियों ने पहले सुरक्षाबलों की 2 बसों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर ग्रेनेड फेंके। इसके बाद सुसाइड बॉम्बर ने अपनी कार को सीआरपीएफ की एक बस से टकरा दिया।
देश की खुफिया एजेंसियों ने एक हफ्ते पहले संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के सरगना मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी की बरसी (9 फरवरी) को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसमें कहा गया था कि आतंकियों ने हमले का प्लान बनाया है। आतंकी सुरक्षा बलों के काफिले और उनके आने जाने के रास्ते पर आईडी से ब्लास्ट कर सकते हैं।
कराची में 10 दिन पहले मसूद अजहर के भाई ने दी थी हमले की धमकी
पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने ली है। उसके पाक अधिकृत कश्मीर के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर रह चुका अब्दुल रशीद गाजी ने इस हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद डार को आईईडी ब्लास्ट की ट्रेनिंग दी थी। गाजी पिछले साल दिसंबर में कश्मीर में दाखिल हुआ था, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने भी अलर्ट जारी किया था।
यह हमला पाकिस्तान के कराची में 5 फरवरी को जैश की रैली के बाद हुआ है। उसमें जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अब्दुल रऊफ असगर ने भारत के अन्य हिस्सों को दहलाने का ऐलान किया था। उसने कहा था कि एक बार फिर कश्मीर सॉलिडरिटी डे मनाएंगे तो दिल्ली दहल चुकी होगी।
देश में पिछले सभी बड़े हमलों को जैश ने अंजाम दिया
जैश ने नए तरीके के हथियारों मसलन रसायन और दवाओं के जरिए भारत भर में हमलों की चेतावनी दी थी। जैश ने ही 2016 में उड़ी हमले, 2016 में पंजाब पठानकोट स्थित वायु सेना ठिकाने और साल 2001 में भारतीय संसद पर हमले को अंजाम दिया था। जैश का सरगनामसूद अजहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में रहता है। भारत पाक से अजहर के प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है, पर पाक सबूतों के अभाव का हवाला दे इसे नामंजूर करता रहा है।
एक साल में 11वीं बार आईईडी से विस्फोट
कश्मीर में 90 के दशक में आईईडी हमले से सबसे ज्यादा होते थे। एक बार फिर वह दौर लौटा है। 2018 से लेकर अब तक 11वीं बार आईईडी से विस्फोट किया है।
मोदी सरकार के 5 साल में देश में 12वां बड़ा आतंकी हमला, इनमें 125 जवान शहीद हुए:
उड़ी-मोहरा में हमला: दिसंबर 2014
बारामूला के उड़ी सेक्टर के मोहरा में सैन्य रेजीमेंट पर आतंकी हमला। 12 जवान शहीद हुए। 6 आतंकी भी मारे गए।
ख्वाजा बाग अटैक: 17 अगस्त 2016
हिजबुल का श्रीनगर बारामूला हाईवे पर सैन्य काफिले पर हमला। इस हमले में 8 जवान शहीद हुए। कई घायल भी हुए थे।
मणिपुर में सेना पर हमला: 4 जून, 2015
मणिपुर के चंदेल जिले में सेना के काफिले पर आतंकियों ने बारूदी सुरंग बिछा कर हमला किया। इनमें 18 जवान शहीद हुए थे।
पुंछ आतंकी हमला: 11 सितंबर 2016
पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला। मुठभेड़ 3 दिन चली। हमले में 6 जवान शहीद हुए। लश्कर के 4 आतंकी भी मारे गए।
गुरुदासपुर में हमला: जुलाई 2015
पंजाब के गुरुदासपुर में आर्मी ड्रेस पहने आतंकियों ने दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। 4 जवान और 3 लोग मारे गए।
पठानकोट हमला: 2 जनवरी 2016
जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। मिशन छह दिन चला। इसमें 7 जवान शहीद हुए।
उड़ी अटैक: 18 सितंबर 2016
सेना के कैंप में तड़के साढ़े 5 बजे सोते हुए जवानों पर 4 आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में 19 जवान शहीद हुए।
अनंतनाग हमला: 4 जून, 2016
अनंतनाग में चेकपोस्ट पर हमला। 2 जवान शहीद। एक दिन पहले ही बीएसएफ काफिले को निशाना बना 3 जवानों की जान ली।
अमरनाथ यात्रियों पर: 11 जुलाई 2017
अमरनाथ यात्रा पर जा रही बस पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई। बस में 56 यात्री सवार थे।
पंपोर हमला: 26 जून 2016
पंपोर के पास श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर सीआरपीएफ काफिले पर हमला। इसमें 8 जवान शहीद, 20 जख्मी हुए।
कैंप पर अटैक: 31 दिसंबर 2017
पुलवामा में सीआरपीएफ के ट्रैनिंग कैंप में 185वीं बटालियन पर हमला। 5 जवान शहीद हुए। दो आतंकी मारे गए।
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