पुलवामा हमले के दो दिन बाद सेना का एक मेजरशहीद, बारूदी सुरंग डिफ्यूज करते वक्त हुआ था ब्लास्ट, मेजर के घर पर चल रही थी शादी की तैयारियां, पर टूट पड़ा गमों का पहाड़
देहरादून. जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एलओसी पर शनिवार को एक बारूदी सुरंग विस्फोट में मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शहीद हो गए। मेजर चित्रेश एक बम निरोधक दस्ते की अगुवाई कर रहे थे। उनकी 7 मार्च को शादी थी और शादी के कार्ड तक बंट चुके थे। मेजर के पिता उन्हें बार-बार शादी की तैयारियों के लिए छुट्टी लेने के लिए कह रहे थे। पर उन्होंने फर्ज को तवज्जो दी।
बारूदी सुरंग डिफ्यूज करते हुआ ब्लास्ट
- मेजर बिष्ट की शहादत पर उनके पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अफसरों ने बताया कि दोपहर करीब तीन बजे नौशेरा सेक्टर में ट्रैक पर बारूदी सुरंग का पता चला।
- मेजर बिष्ट के नेतृत्व में बम डिस्पोजल टीम ने एक बारूदी सुरंग को सफलता से डिफ्यूज कर दिया था, लेकिन जब वो दूसरी सुरंग को डिफ्यूज कर रहे थे, तभी उसमें ब्लास्ट हो गया।
- इस ब्लास्ट में मेजर बिष्ट शहीद हो गए, जबकि एक जवान जख्मी हो गया। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
19 दिन बाद थी शादी
- 31 साल के मेजर बिष्ट उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे। वो इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून से 2010 में पासआउट हुए थे। इस वक्त वो सेना की इंजीनियरिंग कोर में तैनात थे।
- 7 मार्च को मेजर बिष्ट की शादी थी और उनकी शादी के कार्ड तक बंट चुके थे। लेकिन अब मेजर बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार रात तक देहरादून में उनके घर पहुंचेगा।
- मेजर के पिता एसएस बिष्ट उत्तराखंड पुलिस में थे। वहीं बड़े भाई नीरज ब्रिटेन में सिविल इंजीनियर हैं। वो रविवार को देहरादून पहुंच रहे हैं।
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