जेट एयरवेज का कर्ज इक्विटी में बदलेगा, कर्जदाताओं की शेयरहोल्डिंग 50.1% होगी
मुंबई. जेट एयरवेज के बोर्ड ने गुरुवार को कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग को मंजूरी दे दी। इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्ज को इक्विटी में बदला जाएगा। इसके बाद कर्जदाता एयरलाइन के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन जाएंगे। उनके पास जेट की 50.1% शेयरहोल्डिंग होगी।
31 दिसंबर तक की जानकारी के मुताबिक एयरलाइन में प्रमोटर नरेश गोयल की 51% और साझीदार कंपनी एतिहाद एयरवेज की 24% हिस्सेदारी थी।
रिस्ट्रक्चरिंग के बाद गोयल की हिस्सेदारी 25% और एतिहाद की 12% रह जाएगी। एयरलाइन पर 8,052 करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज को इक्विटी में बदलने के बाद बैंक एयरलाइन को नया कर्ज देंगे।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल 12 फरवरी को एनपीए के नियमों में बदलाव किए थे। इसके मुताबिक अगर कोई कंपनी कर्ज लौटाने में एक दिन का भी डिफॉल्ट करती है तो बैंकों को उसके समाधान की प्रक्रिया में जाना पड़ेगा। जेट एयरवेज के कर्ज को इक्विटी में बदलना उसी दिशा में कदम है। इसके बाद एयरलाइन के बोर्ड में बैंकों के नॉमिनी भी होंगे।
एयरलाइन ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि कर्जदाताओं को 10 रुपए मूल्य वाले 11.40 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे। इसके लिए बैंकों को सिर्फ एक रुपया देना पड़ेगा।
रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक अगर कंपनी की प्रति शेयर बुक वैल्यू निगेटिव हो जाए तो कर्जदाता सिर्फ एक रुपए में कर्ज को इक्विटी में बदल सकते हैं। कंपनी की एसेट में से देनदारियां निकालने के बाद जो रकम बचती है, उसे बुक वैल्यू कहते हैं।
जेट एयरवेज के बोर्ड ने गुरुवार को दिसंबर तिमाही के नतीजों को भी मंजूरी दी। इस तिमाही एयरलाइन को स्टैंडअलोन आधार पर 587.77 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। एक साल पहले इसी तिमाही में इसे 165.25 करोड़ का मुनाफा हुआ था। कंसोलिडेटेड आधार पर इसे 186 करोड़ के मुनाफे की तुलना में 732 करोड़ का नुकसान हुआ है।
ईंधन पर खर्च 30% बढ़ा है। रुपया कमजोर होने के कारण लीज किराया भी 25% ज्यादा देना पड़ा है। पिछली तिमाही 71.7 लाख यात्रियों ने जेट के साथ यात्रा की। यह एक साल पहले की तुलना में 6.9% कम है।
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मद 2017 2018 ऑपरेशनल रेवेन्यू 6,086 6,148 ईंधन पर खर्च 1,840 2,388 कुल खर्च 6,042 6,042 घरेलू बाजार से रेवेन्यू 2,749 2,560 (आंकड़े दिसंबर तिमाही के, करोड़ रुपए में)
दिसंबर तिमाही में इंडिगो को 191 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। सितंबर तिमाही में इसे पहली बार 652 करोड़ का घाटा हुआ था। स्पाइसजेट भी 2,487 करोड़ के रेवेन्यू पर 55 करोड़ मुनाफा कमाने में कामयाब रही।
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