बस में टिकट काट रहीं मां की सांसें अटकी थीं, कुछ देर में बेटा अथर्व भारत की जीत का हीरो बन गया
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
मुंबई (विनोद यादव).भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने शनिवार को सातवीं बार एशिया कप पर कब्जा कर लिया। फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 5 रन से हराया। इस जीत के हीरो 5 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज अथर्व अंकोलेकर रहे। अंधेरी (महाराष्ट्र) के अथर्व का अंडर-19 टीम में चुने जाने के पीछे लंबा संघर्ष है। पिता का 9 साल पहले 2010 में निधन हो गया था। तब मां वैदेही ने घर संभाला। उन्हें पति की जगह सरकारी बस सेवा बेस्ट में कंडक्टर की नौकरी मिल गई। वैदेही ने बेटे, मैच के बारे में भास्कर को बताया...
संघर्ष से निराश होता तो मां समझाती- अच्छा खेलाे, कार ले लो
मैं रोज की तरह सुबह बस में कंडक्टर की ड्यूटी कर रही थी। इसलिए मैच शुरू में नहीं देख सकी। उस दौरान अथर्व के दोस्तों से स्कोर पूछती जा रही थी। बांग्लादेश को जीतने के लिए महज 107 रन का लक्ष्य मिला था। दूसरी पारी में जब अथर्व को गेंदबाजी मिली, तब तक मेरी ड्यूटी पूरी हो गई थी और मैं जल्दी से घर पहुंची। आकाश ने 3 विकेट लिए तो मैच में हमारी उम्मीदें लौटी। जब अथर्व ने विकेट चटकाने शुरू किए तो मैच रोमांचक होने लगा।
उसने बांग्लादेश के कप्तान अकबर अली काे आउट किया ताे लगा कि मैच जीत सकते हैं, क्योंकि उसने पिछले मैच में 98 रन बनाए थे। आखिर में बांग्लादेश ने 100 रन पूरे किए तो अथर्व बॉलिंग पर था। हमारी टेंशन बढ़ गई। लगा कि हार जाएंगे और ठीकरा मेरे बेटे पर फूटेगा। पर ऐसा नहीं हुआ। अथर्व ने आखिरी विकेट चटकाकर जिता दिया।
अथर्व का छोटा भाई भी अंडर-14 क्रिकेट टीम में है। हमारी आर्थिक स्थिति खराब होने से अथर्व 15 किमी दूर बस से क्रिकेट किट लेकर एमआईजी में प्रैक्टिस के लिए जाता था। कई बार भारी किट और थकाऊ प्रैक्टिस के कारण वह क्रिकेट छोड़ने की सोचने लगता था। तब मैं उसे समझाती, हौसला बढ़ाती- अच्छा खेलो और कार खरीद लाे। उसमें मुझे भी घुमाना।'
सचिन कोभी आउट कर चुका है अथर्व
18 साल का अथर्व मुंबई के रिजवी कॉलेज में सेकंड ईयर के छात्र है। 9 साल पहले एक प्रैक्टिस मैच में उसने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को आउट किया था। अंडर-19 टीम के लिए अथर्व 7 मैच में 15 विकेट ले चुका है।
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