2030 तक सड़कों पर 30% इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, लेकिन मौजूदा रफ्तार से 6% लक्ष्य पाना भी मुश्किल

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

नई दिल्ली. देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री आठ साल का सबसे बुरा दौर देख रही है, ठीक उसी समय सरकार ने देश के लिए 'इलेक्ट्रिक सपना' देखा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने का फैसला हुआ है। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट भी मिलेगी। पहले से जारी एक लाख की छूट को जोड़कर यह फायदा ढाई लाख रुपए तक बनता है। सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़े ऐलान तो किए हैं, लेकिन देखना यह है कि इसका असल फायदा ग्राहकों तक पहुंचेगा भी या नहीं।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चसर्स (सियाम) के आंकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि 8 साल में 2019 का अप्रैल ऐसा महीना बीता है, जिसमें सबसे कम वाहन बिके हैं। अप्रैल 2019 में अप्रैल 2018 के मुकाबले वाहनों की बिक्री में 16% की गिरावट आई है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या ने यूं तो इस साल साढ़े सात लाख का आंकड़ा छू लिया है, लेकिन इनमें ज्यादातर संख्या थ्री व्हीलर्स और टू व्हीलर्स की ही है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में बिकने वाले 30% वाहन इलेक्ट्रिक हों। सरकार नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के तहत 2020 तक छह से सात मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर देखना चाहती है,लेकिन यह अभी सिर्फ सपना है। ब्लूमबर्ग एनईएफ की रिपोर्ट कहती है- भारत जिस धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, उस हिसाब से तो 2030 तक सिर्फ 6% इलेक्ट्रिक वाहन सड़काें पर होंगे।

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इलेक्ट्रिक वाहनों के रास्ते में तीन चुनौतियां

1) इंफ्रास्ट्रक्चर

माना जा रहा है कि मार्च 2020 तक भारत में पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल हाईवे कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। यमुना एक्सप्रेस वे (दिल्ली-आगरा) और नेशनल हाइवे 48 (दिल्ली-जयपुर) का यह संयुक्त कॉरिडोर 500 किमी का होगा। इस पर 18 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। दिल्ली-आगरा रूट पर 8 और दिल्ली-जयपुर रूट पर 10 चार्जिंग स्टेशन होंगे। सरकार को अपना लक्ष्य हासिल करना है तो ऐसे चार्जिंग स्टेशंस की संख्या बढ़ानी पड़ेगी।

2) कीमत

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बड़ी समस्या कीमत की भीहै। ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन कहते हैं भारत जैसे देश में जहां आम लोग बजट कार खरीदते हैं, वहां दोगुनी कीमत चुकाकर कोई इलेक्ट्रिक कार क्यों खरीदेगा? उस पर भी इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैट्री सबसे बड़ी समस्या है। तीन साल या पांच साल बाद जब भी आपको बैट्री बदलवाने की जरूरत पड़ेगी तो अच्छा-खासा पैसा देना पड़ेगा। क्योंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल में 50% से 60% कीमत सिर्फ बैट्री की होती है।

3) चार्जिंग टाइम

ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन कहते हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में एक और बड़ी बाधा उसे चार्ज होने में लगने वाला समय है। हालांकि कंपनियां क्विक चार्ज के नाम परअपनी ब्रांडिंग तो करती हैं, लेकिन क्विक चार्ज घर पर नहीं हो सकता। क्विक चार्ज भी कम से कम एक घंटे के लिए तो होता ही है, ऐसे में बिना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करे इलेक्ट्रिक व्हीकल भारत में सफल नहीं हो सकते। बिना कीमतें घटाए और छूट प्रावधानों के सरकार का इलेक्ट्रिक ड्रीम पूरा होना मुश्किल है।

देश में मिल रहीं इलेक्ट्रिक कारें

कार कीमत (एक्सशोरूम) रेंज/चार्ज फुल चार्ज
टाटा टिगोर ईवी 9.99-10.09 लाख 142 किमी 6 घंटे
महिन्द्रा ई वेरिटो 13.17-13.53 लाख 110 किमी 8.30 घंटे
महिन्द्रा ई 20 प्लस 06.07-6.83 लाख 110 किमी 7.20 घंटे
हुंडई कोना 25.3 लाख 452 किमी 6.10 घंटे

सोर्स: कारदेखो डॉट कॉम के अनुसार

चार्जिंग के लिए साढ़े आठ घंटे चाहिए

ये इलेक्ट्रिक कारें नॉर्मल चॉर्जिंग में साढ़े आठ घंटे तक का वक्त लेती हैं। लेकिन फास्ट चार्जिंग मोड में ये डेढ़ घंटे में चार्ज की जा सकती हैं। हुंडई कोना डीसी क्विक चार्जर के जरिए 57 मिनट में 80% तक चार्ज की जा सकती है।

घर में भी इन्हें चार्ज किया जा सकता है

आप चाहें तो अपने घर या दफ्तर में चार्जिंग पोर्ट लगवा सकते हैं। हुंडई की कोना के साथ तो ग्राहकों को दो चार्जर मिलेंगे। एक एसी वॉल बॉक्स चार्जर। दूसरा पोर्टेबल चार्जर। इस पोर्टेबल चार्जर को किसी भी 15AMP के नॉर्मल थ्री पिन सॉकेट में लगाकर आप कार को चार्ज कर सकेंगे।

प्रमुख इलेक्ट्रिक कारें जो 2020 तक भारत में लॉन्च होंगी

कंपनी मॉडल
ऑडी ई-ट्रोन
एमजी ईजीएस
टाटा एल्ट्रोज ईवी
मारुति वैगनआर-ईवी
फोर्ड एस्पायर ईवी
महिन्द्रा ईKUV100

तीन देश जहां इलेक्ट्रिक व्हीकल सबसे ज्यादा बिक रहे

देश सालाना बिक्री
चीन 10,53,000
अमेरिका 3,61,000
नॉर्वे 73,000
सोर्स : यूरोपियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन

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Electric Vehicles (EV) Target: By 2030 there will be 30% electric vehicles on roads, but not easy to achieve
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