पहलू खान केस: एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा- पुलिस अधिकारियों ने मॉब लिंचिंग की जांच में 29 गलतियां कीं
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
जयपुर. राजस्थान के अलवर में दो साल पहले हुई पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले एसआईटी जांच पूरी हो गई है। एसआईटी ने शुक्रवार को 84 पेज की रिपोर्ट डीजीपी भूपेंद्र सिंह को सौंपी। इसमें पुलिस की जांच को घटिया बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी ने कोर्ट में झूठा बयान दिया था कि आरोपियों के मोबाइल जब्त नहीं किए, जबकि पुलिस ने फोन जब्त किए थे। पुलिस ने पूरी जांच में 29 गलतियां की हैं।
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- आरोपी विपिन यादव, रविंद्र यादव, कालू राम यादव, दयानंद यादव, योगेश खत्री और भीम राठी को सबूतों के अभाव में 14 अगस्त कोबरी हो गए थे। इसके बाद राजस्थान सरकार ने मॉब लिंचिंग की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
- एसआईटी ने रिपोर्ट में सभी चार जांच अधिकारियों की कमियों का जिक्र किया है। इसमें यह भी बताया गया है कि पहले जांच अधिकारी ने उस घटनास्थल का दौरा तीन दिन बाद किया, जहां पर पहलू खान के साथ मारपीट की गई थी।
- अधिकारियों ने फॉरेसिंक टीम को नहीं बुलाया और न ही उन वाहनों की जांच की जिनमें पहलू खान गायों को लेकर आ रहा था। कुल मिलाकर जांच अधिकारी ने29 गलतियां कीं। दूसरे अधिकारी ने घटिया तरीके से जांच की। तीसरे अधिकारी ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज नहीं किए। उन्होंने पहले के आईओ की जांच में सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किया। चौथे अधिकारी ने बिना किसी सबूत केछह संदिग्धों के नाम लिखे हैं।
जांच अधिकारियों का रवैया लापरवाही भरा था
एसआईटी ने कहा कि पहली चार्जशीट 3 जून 2017 को दाखिल की गई थी। जांच अधिकारी परमाल सिंह ने आरोपियों के फोन जब्त किए थे। उन्हें मोबाइल की जांच फोरेंसिक साइंस लैब से कराकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी थी। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिससे जांच के निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में जांच अधिकारी रहे रमेश सिनसिनवार और परमाल सिंह को लापरवाह माना है।
गौ तस्करी के शक में पहलू की हत्या हुई थी
अलवर में 1 अप्रैल 2017 को भीड़ ने गौ तस्करी के शक में पहलू खान को पीटा था। इसमें पहलू की मौत हो गई थी। वह बेटों के साथ जयपुर के मेले से मवेशियों को खरीद कर हरियाणा के नूह स्थित घर ले जा रहा था। इस मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई थीं। पहली एफआईआर में पहलू और उसके परिवार पर हमला करने वाली भीड़ को आरोपी बनाया गया था। वहीं, दूसरी एफआईआर में पहलू और उसके परिवार के खिलाफ गौ तस्करी के आरोप में थे।
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