जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारी की याचिका- नौकरी चली गई, पत्नी को गुजारा भत्ता कैसे दूं?
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
नई दिल्ली.जेट एयरवेज के पूर्व कर्मचारी ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के प्रावधान वाली सीआरपीसी की धारा 125 की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अपनी याचिका में कर्मचारी ने कहा है कि एयरलाइंस बंद होने से बेरोजगार हूं और खुद की आजीविका के लिए संघर्ष कर रहा हूं। ऐसे में पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दे सकता। वह उच्च शिक्षित है और खुद नौकरी न करके सिर्फ पूर्व पति का शोषण करना चाहती है।
- पूर्व जेट कर्मचारी की ओर से उनके वकील एमएस विष्णु और श्रीराम पी ने सुप्रीम कोर्ट में 33 पेज की अर्जी लगाई है। इसमें उसने कहा है कि नौकरी जाने के बाद सीआरपीसी 125 मेरे लिए अतिरिक्त बोझ की तरह है। कोर्ट से इसे खत्म करने की मांग करता हूं। यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) के खिलाफ है।
- आमतौर पर मान लिया जाता है कि अगर कोई पुरुष स्वस्थ है तो उसके पास पैसे कमाने की क्षमता है। जबकि यही बात महिलाओं पर लागू नहीं होती है। सीआरपीसी 125 असंवैधानिक है और इसके तहत लिंग के आधार पर भेदभाव हो रहा है।
देहरादून के कोर्ट ने गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया
याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसने सिर्फ एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस में डिप्लोमा किया है। जेट एयरवेज के बंद होने के बाद कोई काम नहीं है। इसके बावजूद देहरादून के फैमिली कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता देता रहूं। पूर्व पत्नी इंग्लिश समेत तीन विषयों में उच्च शिक्षित है। वह खुद जीवन यापन के लिए सक्षम है। वह नौकरी नहीं करना चाहती और सीआरपीसी 125 के प्रावधान के तहत सिर्फ मेरा शोषण करना चाहती है।
जेट के 20 हजार कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट
8000 करोड़ रु. के कर्ज में दबी जेट एयरवेज 17 अप्रैल से बंद हो गई। वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर उसके एमडी नरेश गोयल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। एयरलाइन बंद होने से कंपनी के 20 हजार से अधिक कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। इनमें पायलट, इंजीनियर और क्रू भी शामिल हैं।
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