भूटान के प्रधानमंत्री बोले- इसरो की कड़ी मेहनत ऐतिहासिक, मोदी और उनकी टीम एक दिन जरूर कामयाब होगी

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

बेंगलुरु. भारत की महत्वकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर उतरने से कुछ मिनट पहले पृथ्वी से संपर्क टूट गया। इसके बाद नेताओं ने अंतरिक्ष एजेंसी और उसके वैज्ञानिकों को निराश नहीं होने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। मोदी ने उन्हें हिम्मत से काम लेने को कहा। भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने कहा कि हमें भारत औरउनके वैज्ञानिकों पर गर्व है।इसरो के वैज्ञानिकों नेकड़ी मेहनत ऐतिहासिक है।मोदी और उनकी टीम एक दिन जरूर कामयाब होगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस तनावपूर्ण समय में प्रतीक्षा करते हुए पूरा राष्ट्र इसरो की पूरी टीम के साथ खड़ा है। आपकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने हमारे राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। जय हिन्द।"चंद्रयान-2 मिशन पर उनके अविश्वसनीय काम के लिए इसरो टीम को बधाई। आपका जुनून और समर्पण हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्त्रोत के समान है। आपका काम व्यर्थ नहीं है। इसने कई मिसालें कायम की हैं और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है।

गृह मंत्री अमितशाह ने कहा किचंद्रयान-2 को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अब तक की उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है। भारत इसरो के अपने प्रतिबद्ध और परीश्रम करने वाले वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है। इसरो की भविष्य की योजनाओं के लिए मेरी शुभकामनाएं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम इसरो के साथ हैं। आपने देश का मान बढ़ाया है। आपने अंतरिक्ष में अपनी उपलब्धियों को महसूस कराने के लिए राष्ट्र, युवाओं और सबको एक साथ लाएं।हम जरूर कामयाब होंगे।

विज्ञान और प्रोद्यौगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ''प्रिय इसरो के वैज्ञानिक भारत को आप पर गर्व है। चंद्रयान-2 के लिए आपने अपना सर्वोत्तम दिया। आपके साहस की कोई तुलना नहीं है। मुझे अटल जी की कविता याद आ रही है- 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा।''उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि भविष्य में हमारे वैज्ञानिक इस मिशन को पूरा करेंगे।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपके प्रयास और काम पर हमें गर्व है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसरो को इसके लिए निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारे वैज्ञानिकों ने बेहतरीन काम किया है।

दक्षिणी ध्रुव की सतह से 2.1 किमी पहले पृथ्वी से संपर्क टूटा- डॉ. सिवन

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का लैंडिंग से महज 69 सेकंड पहले पृथ्वी से संपर्क टूट गया। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम की शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 1 बजकर 55 मिनट पर लैंडिंग होनी थी, लेकिन इसका समय बदलकर 1 बजकर 53 मिनट कर दिया गया था। हालांकि, यह समय बीत जाने के बाद भी लैंडर विक्रम की स्थिति पता नहीं चल सकी। इसरो चेयरमैन डाॅ. केसिवन ने बताया, ''लैंडर विक्रम की लैंडिंग प्रक्रिया एकदम ठीक थी। जब यान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह से 2.1 किमी दूर था, तब उसका पृथ्वी से संपर्क टूट गया। हम ऑर्बिटर से मिल रहे डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं।'' अगर लैंडर विक्रम की लैंडिंग की पुष्टि हो जाती तो सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर रोवर प्रज्ञान बाहर आता और यह सुबह 5:45 पहली तस्वीर क्लिक कर लेता।

DBApp



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
इसरो।

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.