गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों के लोग कॉमेडी क्लास जा रहे, ताकि अच्छा काम कर सकें
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
वॉशिंगटन.अमेरिका के शिकागो का सेकंड सिटी कॉमेडी क्लब पिछले करीब 60 सालों से अपनी श्रेष्ठ कॉमेडी के लिए जाना जाता है। यहां जोआन रिवर्स, जॉन कैंडी और बिल मुरे जैसे हॉलीवुड के कॉमेडी दिग्गज प्रस्तुति दे चुके हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से यह दुनिया के बड़े-बड़े मैनेजर्स को ट्रेनिंग देने के लिए चर्चा में है।
दरअसल ट्विटर, गूगल, फेसबुक, नाइकी, निसान, मैकडोनल्ड्स जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने मैनेजर्स, इंजीनियर्स और एग्जीक्यूटिव को यहां कॉमेडी की ट्रेनिंग के लिए भेज रहे हैं। सेकंड सिटी कॉमेडी क्लब के हेड (एपलाइड इंप्रोवाइजेशन) केली लेनॉर्ड कहते हैं कि यह संख्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है,ताकि ये कॉरपोरेटकर्मचारी अपने क्लाइंट से बेहतर तरह से डील कर सकें औरउनमें सॉफ्ट स्किल बढ़े।
'दूसरे का आइडिया स्वीकार करने की भावना बढ़ी'
यही नहीं ये कंपनियां चाहती हैं कि उनके कर्मचारी अपनी रोज की नौकरी बेहतर मूड से करें। कंपनियां अपने घमंडी कर्मचारियों को भी बेहतर बनाने के लिए कॉमेडी क्लास भेज रहे हैं। सैकड़ों कॉरपोरेटग्राहकों का मानना है कि इस कॉमेडी क्लासों से कर्मचारियों में दूसरे के आइडिया स्वीकारने की भावना आ रही है। वे आपस में पहले से ज्यादा खुलकर बात कर रहे हैं। खास बात ये है कि सेकंड सिटी क्लब इससे खूब कमाई भी कर रहा है।
क्लब ने बताया है कि उनका सालाना राजस्व 5 करोड़ डॉलर है, जिसमें एक तिहाई हिस्सेदारी कॉमेडी क्लासों से मिलने वाले पैसों की है। सेकंड सिटी कॉमेडी क्लब ने मुख्यतौर पर कंपनियों के लिए कॉमेडी वर्कशॉप्स की शुरुआत 2002 में की थी।वे अब तक 700 से ज्यादा क्लाइंट्स के साथ काम कर चुके हैं। उन्होंने इसके लिए शिकागो, टोरंटो और लॉस एंजिल्स में सेंटर भी खोले लुए हैं। वे कैंपेन्स और वीडियो की मदद से कर्मचारियों को ट्रेनिंग देते हैं।
इंप्रूव असायलम : इसने गूगल को हंसना सिखाया
इंप्रूव असायलम भी सेकंड सिटी कॉमेडी क्लब जैसा है। यह बोस्टन और न्यूयॉर्क में कॉमेडी थिएटर्स चला रहा है। यह गूगल, पीडब्ल्यूसी, हार्वर्ड, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आदि को ट्रेनिंग दे चुका है। इंप्रूव असायलम के सहसंस्थापक और सीईओ नॉर्म लैवियोलेटे कहते हैं कि कंपनी अमेरिका के अलावा पिछले कुछ माह में शंघाई, बीजिंग, दुबई, डबलिन आदि में भी काम कर चुकी है।
(द इकॉनोमिस्ट से दैनिक भास्कर से विशेष अनुबंध के तहत)
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