डर के बावजूद मारे गए युवाओं के लिए 20 साल से इंसाफ मांग रहीं मांएं

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

बीजिंग. चीनी मांओं का एक समूह थिएनमेन चौकपर मारे गए अपने बच्चोंके लिए 20 साल सेइंसाफ मांग रहीं हैं। वे चाहती हैं कि सरकार बच्चों का नाम उजागर करे।30 साल पहले 4 जून 1989 को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने लोकतंत्र के समर्थन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बच्चों को टैंकों से कुचलवा दिया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। जबकि बताया जाता है कि इसमें मरने वालों की संख्या करीब 10 हजार थी।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पर इस घटना की सही जानकारी न देने के आरोप लगते रहे हैं।इतने साल के बाद भी घटना पर किसी भी तरह की बातचीत या बहसनहीं की जा सकती है। चीन में इंटरनेट पर इस घटना के बारे में कुछ भी सर्च करने पर रोक है। इस आंदोलन की याद में सार्वजनिक रूप से कोई कार्यक्रम करनेपर भी सख्त मनाही है। पीड़ितों के घर वालों के साथ अपराधियों जैसाबर्तावकिया जाता है। उन पर नजर रखी जाती रही है।

मांओं का समूह खुद को'थिएनमेनमदर्स' कहती हैं

चीन में काम कर रहीं अमेरिका के मानवाधिकार संगठन की प्रवक्ता ने कहा कि चीन की सरकार देश के इतिहास से इस घटना को मिटाना चाहती है। सरकार ने कभी भी मारे गए लोगों की आधिकारिक तौर पर सूची जारी नहीं की। इस घटना में अपनों को खोने वालीमांओं का एक समूह 20 साल से सरकार से इंसाफ मांग रहाहै, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। वे खुद को 'थिएनमेनमदर्स' कहती हैं। मांओं कायह समूह 1995 में बनाया गया था।

मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सदस्यगुप्त स्थानों पर मिलतेहैं

नरसंहार में अपने बच्चों को खोने वाली दो मांओं ने 'थिएनमेनमदर्स' ग्रुपबनाया था। धीरे-धीरे और भी लोग इससे जुड़ते गए। अभी इस समूह में 127 सदस्य हैं। 55 की मौत हो चुकी है। समूह ने सरकार के शीर्ष नेताओं को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें इन मृतकों के नाम लिखे गए हैं। समूह के सदस्यों को इसके लिएअधिकारियों द्वारा सजा भी दी जाती है। ये लोगमृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए गुप्त स्थानों पर मिलते हैं। 4 जून कोइसघटना के 30 साल पूरे हो रहे हैं। इससे पहले मार्च मेंपीड़ित परिवार अपने बच्चों की याद मेंइकट्‌ठा हुए थे,लेकिन सरकार ने उन्हें कार्यक्रम करने सेरोक दिया। लोगों ने सरकार को एक पत्र लिखकर इंसाफ मांगा है।



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