इमरान ने कहा- कश्मीर के कारण विश्वयुद्ध जैसा खतरा; उनके विदेश मंत्री बोले- सशर्त वार्ता को तैयार
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
इस्लामाबाद.जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जानेके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। शनिवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने न्यूयॉर्क टाइम्स के आर्टिकल में लिखा- कश्मीर के कारण भारत और पाकिस्तान के बीचयुद्ध जैसे हालात बन चुके हैं। वहीं, पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हम भारत के साथ सशर्त बातचीत के लिए तैयार हैं।
इमरान ने लिखा, ''दुनिया कश्मीर को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। हम सभी खतरे में हैं। अगर दुनिया कश्मीर और वहां के नागरिकों पर अत्याचार को रोकने के लिए आगे नहीं आई तो इसका अंजामपूरी दुनिया को भुगतना होगा। दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच युद्ध से हालात बन गए हैं।''
दुनिया व्यापार से ऊपर उठकर सोचे: इमरान
उन्होंनेलिखा, ''अब बेहद जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब व्यापार और उद्योग से ऊपर उठकर कुछ सोचे। द्वितीय विश्व युद्ध हुआ क्योंकि म्यूनिख का तुष्टिकरण किया गया। वैसे ही हालात एक बार फिर दुनिया के सामने हैं। मगर इस बार परमाणु शक्ति की परछाई के बीच।''
इमरान ने कहा- शांति की कोशिश नाकाम रही
इमरान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएस गोलवलकर के लिए न सिर्फ अपना प्रेम और सम्मान प्रदर्शित किया बल्कि संघ के दूसरे बड़े नेता कोपूजनीय श्री गुरुजी भी बताया। शुरुआत में हमें लगा कि मोदी अपनेकठोर रूख को लेकर आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए उन्होंने भारत मेंमई में हुएआम चुनाव के दौरान पाकिस्तान विरोधी बातें कीं और भारतीय मतदाताओं के बीचविपक्ष की तुलना में खुद कोबड़ा राष्ट्रवादी बताने की कोशिश की थी। मगर बाद में हमने महसूस किया कि दुर्भाग्यपूर्ण रूप से भारत के साथ शांति प्रक्रिया के मेरी सभी कोशिशें नाकाम ही रही हैं।
पाक ने यूएनएससी में भी उठाया कश्मीर मुद्दा
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटनेके फैसले के बाद से ही भारत-पाक के बीच तनाव के हालात बने हुए हैं। पाकिस्तान ने चीन की मदद से कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सामने भी रखा था। हालांकि चीन और ब्रिटेन को छोड़कर किसी देश ने इस मामले में रुचि नहीं दिखाई थी।अधिकांश देशों ने कहा कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है।
भारत ने कहा था- पाक सच्चाई को स्वीकार करे
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर किए जाने के कदम के बाद कहा था कि पाक को चाहिए कि एक बार वह पुनः अपने फैसले पर विचार करे। उसे यह सच्चाई स्वीकार करने कीजरूरत है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना भारत का आंतरिक मसला है।
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