नर्स ने प्रसूता को लोहे की जाली पकड़कर प्रसव के लिए मजबूर किया, नवजात फर्श पर गिरा

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

महेसाणा (गुजरात). बनासकांठा जिले के जलोत्रा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला के साथ प्रसव के दौरान अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। दरअसल, शुक्रवार देर रात को एक महिला प्रसव पीड़ा के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। नर्स ने उसे लेबर रूम में ले जाने की बजाय लोहे की जाली पकड़कर खड़े रहने को कहा। 20 मिनट बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जो फर्श पर गिर गया। अच्छी बात यह रही बच्चे को चोट नहीं आई।

यह महिला महेसाणा जिले के कनडा गांव की रहने वाली है। इसका नाम रामी बेन गौतमभाई ठाकोर है। रामी अपनी सास के साथ अस्पताल पहुंची थी। परिवार के मुताबिक, स्वास्थ्य केंद्र पर उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली। प्रसव के बाद नर्स ने फर्श पर गिरे खून को साफ करने के लिए प्रसूता की साड़ी तक उतरवा ली। आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान खड़ा होने को कहा जाता है।

अस्पताल में प्रबंधन ने कहा- ऐसा कुछ नहीं हुआ
जालोत्रा स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. मोनिका पटेल ने कहा कि गर्भवती महिला को खड़ा कर प्रसव पीड़ सहने का हमारे अस्पताल में नहीं कहा जाता। हां, प्रसव पीड़ा के साथ गर्भवती महिला के स्वास्थ्य केन्द्र आने के बाद प्रसव होने के एक से दो मामले हुए हैं। किसी गर्भवती महिला को खड़े होकर दर्द सहने को कहने जैसा कुछ नहीं है।



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Nurse's carelessness in delivery case

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