पाक ने पहली बार भगत सिंह को क्रांतिकारी माना, शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक रखा

आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:

अमृतसर/लाहौर. पाकिस्तान के लाहौर में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेवका 88वां शहीदी समागम शनिवार को मनाया जाएगा। इससे पहले लाहौरप्रशासन ने तीनों केशहादत स्थल शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह चौक करने पर अपनी मंजूरी दे दी। इससे जुड़े एक लेटर में प्रशासन ने भगत सिंह को क्रांतिकारी नेता भी बताया। इसके अलावा, 23 मार्च को मनाए जाने वाले शहीदी समागम को लिए कड़ी सुरक्षा मुहैया करने के भी आदेश दिएहैं।

भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी की पहल पर शादमान चौक पर हर साल शहीदी समागम होता है। कई बार कट्टरपंथियों ने ऐतराज जताया, लेकिन कुरैशी ने समागम मनाना बंद नहीं किया। इस बार 88वां शहीदी समागम शनिवार शाम मनाने जा रहे हैं। उन्होंने 19 मार्च को डीसी लाहौर को सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की थी। उनकी अर्जी को मंजूरी दे दी गई।

कोर्ट ने लाहौर के मेयर को दिए थे निर्देश
डीसी की तरफ से जारी लेटर में समागम वाले स्थान को भगत सिंह चौक (शादमान चौक) लिखा गया है।पहला मौका है जब जिला प्रशासन ने भगत सिंह को क्रांतिकारी माना है। इम्तियाज यह मांग लंबे समय से उठाते आ रहे हैं। उन्होंने इसके लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था। अदालत ने लाहौर के मेयर को इस पर काम करने के निर्देश दिए थे।

23 मार्च को फांसी दी गई थी
शादमान चौक वही जगह है जहां शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने (23 मार्च 1931 को)फांसी दी थी। कुरैशी ने बताया कि हम चौक का नाम बदलने की मांग लंबे समय सेकरते आ रहे थे। अब चाहते हैं को इस चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा लगाई जाए। इसके अलावा हमउन्हें (भगत सिंह)निशान-ए-हैदर का खिताब देने की भी मांग भी कर रहे हैं। प्रशासन ने भगत सिंह को पहली बार क्रांतिकारी माना। यह अच्छी पहल है।



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सादमाना चौक

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