शहीदों के शव लाने गई रेस्क्यू टीम भी खराब मौसम के कारण 9 दिन से 12 हजार फीट पर फंसी
आदित्या लोक, स्पेशल करोस्पोंडेंट:
ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुए वायुसेना के विमान एएन-32 में सवार शहीदों के शव लाने गई रेस्क्यू टीम खराब मौसम के चलतेखुद ही क्रैश साइट परफंस गई। रिपोर्ट्सके मुताबिक, सेना, वायुसेना और पर्वतारोहियों कीटीम पिछले 9 दिनों से12 हजार फीट ऊंचाई पर फंसी है। यहां सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जानवरों काखतरे केसाथ उन्हेंखाने की दिक्कत भी हो सकती है,क्योंकि उन्हें जरूरत का राशन भी नहीं पहुंचाया जा सका। राज्य सरकार के एक अफसर का कहना है किमौसम के ठीक होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही रेस्क्यू टीम को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया जा सकेगा।
3 जून को लापता हुआ था विमान, 8 दिन खोज के बाद मिला
एएन-32 ने 3 जून को असम के एयरबेस से उड़ान भरी थी। यह अरुणाचल में लापता हो गया था। इसमें वायुसेना के 8 क्रू समेत 13 लोग सवार थे। वायुसेना ने खोज के लिए सुखोई-30, सी130 जे सुपर हर्क्युलिस, पी8आई एयरक्राफ्ट, ड्रोन और सैटेलाइट्स के जरिए विमान का पता लगाने की कोशिश की। इस मिशन में वायुसेना के अलावा नौसेना, सेना, खुफिया एजेंसियां, आईटीबीपी और पुलिस के जवान लगे हुए थे।
तीनों सेनाओं की मदद से आठ दिन तक बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया था। इस दौरान एमआई-17 हेलिकॉप्टर को अरुणाचल के जंगल में विमान का मलबा दिखाई दिया था।
रेस्क्यू टीम ने 7 दिन में खोज निकाले थे शहीदों के शव
वायुसेना ने विमान का मलबा दिखने के बाद 12 जून को सियांग जिले के जंगलों में दो हेलिकॉप्टर के जरिए 12 लोगों की टीम दुर्घटना वाली जगह के पास उतारा था।सियांग जिले के परी पहाड़ों से 19 जून को 6 पार्थिव शरीर निकाल लिए गए थे। इसके बाद 20 जून को 7 अन्य पार्थिव देह मिलीं।
इस इलाके में ज्यादा टर्बुलेंस, इसलिए उड़ान मुश्किल
कई शोध में एक बात सामने आई है कि अरुणाचल के इस इलाके में बहुत ज्यादा टर्बुलेंस है। 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा यहां की घाटियों के संपर्क में आने पर ऐसी स्थितियां बनाती है कि उड़ान मुश्किल हो जाती है। दूर-दूर तक जंगल और आबादी नहीं होने से किसी की खोज भी कठिन होतीहै। इसमें काफी समय लग जाताहै।
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