माल्या को भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की वह मांग खारिज कर दी जिसमें उसने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी। ईडी ने मुंबई स्थित विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए। माल्या ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने ईडी को भी नोटिस देकर माल्या की याचिका के संबंध में जवाब मांगा है।
इस मामले में पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट ने माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। ईडी माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रहा है। उसने 22 जून विशेष अदालत में अर्जी दाखिल कर माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर उसकी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार देने की मांग की थी।
विजय माल्या ने गुरुवार को ट्वीट कर यह अपील दोहराई कि वह बैंकों का 100% बकाया चुकाने को तैयार है। लेकिन, यह किस्सा खत्म होना चाहिए की उसने पैसा चुराया। माल्या ने बुधवार को सेटलमेंट का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि वह साल 2016 में ही कर्ज चुकाने को तैयार था। इस बारे में सरकार को चिट्ठी भी लिखी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
यूके की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है। कोर्ट 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है। इस मामले में 12 सितंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। भारत ने फरवरी में माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
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