आंध्रप्रदेश, बंगाल के बाद छत्तीसगढ़ में सीबीआई के प्रवेश पर रोक, जांच के पहले लेनी होगी मंजूरी
रायपुर. छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी है। गृह विभाग ने गुरुवार को केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मामले तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि राज्य सरकार साल 2001 में केंद्र को दी गई उस सहमति को वापस लेती है, जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को छत्तीसगढ़ में कोई भी मामलों की जांच के लिए अधिकृत करने की अधिसूचना जारी की गई थी। इससे पहले आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने-अपने राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
Chhattisgarh govt requests central govt that 'the CBI be instructed not to exercise jurisdiction for investigation of any fresh matter' in the state. The Home Department of the state govt has withdrawn its consent given to the centre, in 2001. pic.twitter.com/GnCV26GiWS
— ANI (@ANI) January 11, 2019
राज्य में पिछले 18 सालों के दौरान सीबीआई की ओर से आधा दर्जन मामलों की जांच की जा चुकी है। इनमें रामावतार जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और छुरा के उमेश राजपूत की हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आईएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैगनीज कांड और पूर्व मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी कांड की जांच शामिल है।
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बड़ा कदम। प्रदेश की जांच एजेंसियों को जांच का जिम्मा दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सरकार विशेष जांच दल गठित कर देगी, जो अफसरों के साथ न्यायिक अधिकारियों के नेतृत्व में बनाए जा सकते हैं।
सीबीआई गठन के कानून में ही राज्यों से सहमति लेने का प्रावधान सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम-1946 के जरिए बनी संस्था है। अधिनियम की धारा-5 में देश के सभी क्षेत्रों में सीबीआई को जांच की शक्तियां दी गई हैं। पर धारा-6 में कहा गया है कि राज्य सरकार की सहमति के बिना सीबीआई उस राज्य के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती है।
आंध्र और प. बंगाल सरकार ने धारा-6 का ही इस्तेमाल करते हुए सहमति वापस ले ली थी। सीबीआई छत्तीगढ़ में केंद्रीय अधिकारियों, सरकारी उपक्रमों और निजी व्यक्तियों की जांच सीधे नहीं कर सकेगी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी प्रदेश में कोई कदम नहीं उठा सकेगी।
सीबीआई खुद मामले की जांच शुरू नहीं कर सकती। राज्य और केंद्र सरकार के कहने या हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही जांच कर सकती है। ऐसे में अगर कोई राज्य सीबीआई को बैन करता है तो कोर्ट के आदेश के बाद राज्य का आदेश रद्द हो जाएगा।
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