3 कांग्रेसी विधायक बैठक में नहीं पहुंचे, सिद्धारमैया का आरोप- सरकार गिराना चाहते हैं मोदी-शाह
बेंगलुरु. कर्नाटक कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इसमें कांग्रेस के तीन विधायक शामिल नहीं हुए।इस पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री भी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिराने की कोशिश में लगे हैं।
सिद्धारमैया ने कहा, ''हमारे विधायकों को 50-70 करोड़ रुपए तक का ऑफर दिया जा रहा है। मेरे पास इसका प्रमाण है। चौकीदार के पास इतना पैसा कहां से आया?''
उन्होंने बताया कि 79 विधायकों में से 76 विधायक बैठक में मौजूद थे। मैं बैठक में शामिल न होने वाले विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगूगा। इसके बाद इसकी जानकारी हाईकमान को दी जाएगी।
वहीं, कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने बताया कि सभी विधायक पार्टी के शक्ति प्रदर्शन के लिए रिसॉर्ट में एकदिन साथ रहेंगे। इस दौरान लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रणनीति पर भी चर्चा होगी।
बैठक के मद्देनजर सिद्धारमैया ने पहले ही विधायकों को नोटिस जारी किया था। इसमें उन्होंने सभी विधायकों से बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा था। बैठक में मौजूद न रहने पर उन्होंने दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की बात कही थी।
बैठक में शामिल न होने वाले विधायक रमेश जर्किहोली, बी नागेंद्र, महेश कुमाथल्ली हैं। जर्किहोली कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन इस बार के मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें बाहर कर दिया गया।
इन तीन विधायकों के अलावा उमेश जाधव भीबैठक में मौजूद नहीं रहे। हालांकि, उन्होंने सिद्धारमैया को इस बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे बीमार हैं और यात्रा नहीं कर सकते। बैठक में मौजूद न रहने पर उन्हें माफ किया जाए। वहीं, नागेंद्र ने बताया कि कोर्ट केस के चलते वे बैठक में शामिल नहीं होंगे।
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने कहा- सरकार को कोई खतरा नहीं है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार अपने पांच साल पूरे करेगी। भाजपा सरकार को अस्थिर करने के निरर्थक प्रयास कर रही है।
इससे पहले मंगलवार को दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लिया। नागेश मुलाबागिलू सीट से निर्दलीय विधायक हैं। वहीं, शंकर रेनेबेन्नूर विधानसभा सीट से केपीजेपी के विधायक हैं।
गठबंधन सरकार को अभी कोई खतरा नहीं है। कर्नाटक में 224 सीटें हैं। बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है। कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन है।
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