दुष्कर्म पीड़िता की दलील- सहमति से बने थे संबंध, हाईकोर्ट ने कहा- रद्द नहीं होगा केस
मुंबई. दुष्कर्म के एक मामले में पीिड़ता की उस दलील के बावजूद भी अदालत ने केस रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि आरोपी से उसके संबंध सहमति से बने थे। बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस बीपी धर्माधिकारी और रेवती मोहिते की बेंच ने कहा कि आरोपी की उम्र अभी शादी के लायक नहीं है। उस पर दर्ज केस तभी खारिज हो सकता है जब वो 21 साल का हो जाए। आरोपी की उस दलील को भी बेंच ने खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वो पीिड़ता से शादी करने को तैयार है। हाईकोर्ट ने कहा कि अभी इस आश्वासन की एहमियत नहीं है, क्योंकि उसकी उम्र शादी के लायक नहीं है।
आरोपी और पीिड़ता दोनों की उम्र 19 साल की है। केस रद्द करने की याचिका आरोपी ने दाखिल की थी। अभी वो न्यायिक हिरासत में है। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी चाहे तो ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल करके जमानत की अपील कर सकता है। केस रद्द करने की उसकी अपील पर बाद में विचार किया जा सकता है। पीिड़ता ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में कहा था कि आरोपी से उसके संबंध सहमित से बने थे। आरोपी के वकील की दलील थी कि ऐसे में प्रथम दृष्टया कोई केस नहीं बनता है।
आरोपी और पीिड़ता दोनों रायगढ़ के रहने वाले हैं। दिसंबर 2018 में दोनों घूमने के लिए बाहर गए थे, लेकिन किसी ने उन्हें देख लिया और लड़की की मां को बता दिया। लड़की के घर लौटने से पहले ही उसकी मां ने केस दर्ज करा दिया। लड़की के घर लौटने के बाद माता-िपता फिर पुिलस के पास गए और लड़के पर दुष्कर्म का आरोप भी लगा दिया। हालांकि बाद में दोनों परिवारों ने एक साथ बैठकर उनकी शादी कराने का फैसला किया। केस खत्म कराने पर भी सहमति बन गई, लेकिन तब तक पुिलस अपहरण, दुष्कर्म के मामले मंें लड़के को गिरफ्तार कर चुकी थी।
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