युद्ध नहीं चल रहा फिर भी देश की सीमा पर सैनिक शहीद हो रहे: संघ प्रमुख
नागपुर. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को खेद जताते हुए कहा कि देश में कोई युद्ध नहीं चल रहा फिर भी सीमाओं पर सैनिक शहीद हो रहे हैं। इसका कारण यह है कि हम अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे। हमें इसी को सही करना है। देश को बड़ा बनाना है तो देश के लिए जीना सीखना होगा।
भागवत ने कहा- अपने देश के लिए मरने का समय तब था, जब स्वतंत्रता नहीं थी। अब आजादी के बाद सीमाओं पर अपने देश के लिए मरने का समय तब होता है जब युद्ध होता है।
संघ प्रमुख के मुताबिक- किसी देश से लड़ाई हुई तो पूरे समाज को लड़ना पड़ता है। सीमाओं पर सैनिकों को भेजा जाता है। सबसे ज्यादा खतरा भी वे ही लोग मोल लेते हैं। खतरा मोल लेने के बाद उनकी (सैनिकों की) हिम्मत कायम रहे, अगर किसी का बलिदान हो गया तो उसके परिवार को कमी न हो, ये चिंता समाज को करनी पड़ेगी।
मोहन भागवत ने यह भी कहा कि हर किसी को प्रयास करना होगा। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए हम किसी को कॉन्ट्रैक्ट दे सकते हैं। हम बस यही सोचते हैं कि सरकार यह करेगी, पुलिस यह करेगी, सेना यह करेगी, लेकिन यह ऐसा नहीं है। पूरे समाज को कोशिशें करनी होंगी।
उन्होंने कहा- देश में नीतियां हर किसी को प्रभावित करती हैं। न तो मैं नीति बनाता हूं और न ही आप, लेकिन हम सभी पर इसका असर पड़ता है। महंगाई बढ़ी, लेकिन न तो मैंने इसे बढ़ाया और न ही आपने, लेकिन इसे हम सभी को भुगतना पड़ा। बेरोजगारी बढ़ी, लेकिन इसे भी न तो मैंने बढ़ाया और न ही आपने, लेकिन हम सब पर इसका असर पड़ा। इसीलिए हमें अपने देश के लिए जीना सीखना होगा।
कोई टिप्पणी नहीं