बाहर से आने वाली मछलियाें की जांच में मिला फार्मलिन, सेहत के लिए खतरनाक

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पटना.राजधानी में बिकने वाली बाहर की मछलियां सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। अन्य राज्यों से आने वाली मछलियों को सड़ने से बचाने और ताजा रखने के लिए फार्मलिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका खुलासा जांच रिपोर्ट से हुआ है।

पटना सिटी से राजाबाजार तक 10 जगहों से मछलियों का 10 सैंपल लिया गया था।इसे जांच के लिए कोलकाता भेजा गया। 10 सैंपल में से 7 में फार्मलिन की मात्रा मिली है। इसके अलावा इनमें हेवी मेटल्स लीड, कैडमियम और मर्करी भी मिला है। ऐसी मछलियों के सेवन से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही कैंसर और मेमोरी लॉस होने की आशंका भी रहती है।

हालांकि, मछलियों को धोते रहने से फार्मलिन की मात्रा कम हो जातीहै। इन मछलियों कासेवन करना हो तो उसे नल के पानी (करंट वॉटर) से ठीक से धोकर ठीक से पकाना चाहिए। जांच रिपोर्ट को अब एनालाइज की जाएगी, जिससे निर्णय लिया जा सके कि इन मछलियों का सेवन सुरक्षित है या इसके सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि अभी सभी सैंपल की जांचरिपोर्ट नहीं आई है। बाकी जांच रिपोर्ट आने पर निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है। आईजीआईएमएस में फार्माकोलॉजी विभाग के हेड डॉ. हरिहर दीक्षित के मुताबिक फार्मलिन युक्त मछली के सेवन से ब्लड कैंसर होने की आशंका रहती है, जबकि हेवी मेटल्स के सेवन से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।

राज्य के फूड एंड सेफ्टी विभाग ने शिकायत मिलने पर जांच शुरू की थी। बीते सालअक्टूबर में शहर के विभिन्न मछली बाजार से मछलियों का सैंपल लिया गया था।10 सैंपल में कुछ आंध्रप्रदेश और कुछ पश्चिम बंगालसे आने वाली मछलियों के थे। आंध्रप्रदेश के छह सैंपल, जबकि पश्चिम बंगाल के एक सैंपल में फार्मलिन मिला है।



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formalin Found in fish

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