राफेल विवाद को लेकर रक्षा मंत्री ने लोकसभा में दिया जवाब, देश को बताई राफेल विमानों की संख्या और कीमत, कहा- हमने विमानों की संख्या घटाई नहीं बढ़ाई

http://bit.ly/2GUcYy8

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में राफेल डील पर हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने विमानों की संख्या के बारे में वास्तविक स्थिति बताई और कीमत के बारे में खुलासा किया। निर्मला ने कहा, ''इन्होंने (यूपीए सरकार ने) जब डील की थी, तब 18 विमान तैयार हालत में मिलने थे। बाकी 108 विमान 11 साल की अवधि में बनाए जाने थे। 2006 के बाद 2014 तक आप 18 जहाज भी हासिल नहीं कर सके? हमने डील में फ्लाईअवे विमानों की संख्या कम नहीं की। इसकी संख्या 18 से बढ़ाकर 36 की। हमें इस साल सितंबर में पहला और 2022 तक आखिरी राफेल मिल जाएगा। यूपीए के वक्त एक बेसिक राफेल की कीमत 737 करोड़ थी। हमें यह 9% कम रेट पर 670 करोड़ रुपए में मिलेगा। सेब की तुलना संतरे से ना करें।''

रक्षा मंत्री ने कहा- आपकी कभी जहाज खरीदने की मंशा नहीं थी
निर्मला ने कहा- आपने अगस्ता-वेस्टलैंड का ऑर्डर एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए क्योंकि एचएएल आपको कुछ और दे नहीं सकती थी? आपने यह जानते हुए भी राफेल डील को अटका दिया कि वायुसेना परेशानी झेल रही है। यहां रक्षा सौदे और सुरक्षा के लिए हुए सौदे में अंतर है। हम कोई रक्षा सौदा नहीं कर रहे हैं। यह सुरक्षा के लिए की गई डील है, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। मैं यहां तथ्य रख रही हूं। मैं आरोप लगाती हूं कि इनकी मंशा जहाज खरीदने की थी ही नहीं। राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में होने के बावजूद इन्होंने इस डील को अटकाया।

हमने जहाज कम नहीं किए, बल्कि 18 फ्लाईअवे जहाजों को 36 तक पहुंचाया
निर्मला सीतारमण ने कहा- आपके 18 फ्लाईअवे जहाजों को हमने 36 तक पहुंचाया और बाकी जहाजों की खरीद के लिए भी हमने आरएफपी भेज दी है। जब भी कभी आपातकालीन खरीद की जाती है, तब यह केवल 2 स्क्वॉड्रन की होती है। 1982 में जब पाकिस्तान सोवियत यूनियन से एफ-16 खरीद रहा था, तब भारत सरकार ने फैसला किया था कि मिग-23 एमएफ की दो स्क्वॉड्रन लायक विमान खरीदे जाएंगे। 1985 में भी दो स्क्वॉड्रन बनाने लायक मिराज फ्रांस से खरीदे गए थे। 1987 में दो स्क्वॉड्रन लायक मिग-29 विमान सोवियत यूनियन से खरीदे गए थे। भारतीय वायुसेना आमतौर पर सरकार को यही सुझाव देती है कि दो स्क्वॉड्रन खरीदे जाएं, ताकि उनके लिए तत्काल व्यवस्था की जा सके।

राहुल की इन बातों पर जताया ऐतराज
''मोदी सरकार में रक्षा मंत्रालय बिना किसी दलाल के पिछले चार साल से चल रहा है। बोफोर्स के बारे में नहीं बोलूंगी, क्योंकि वह एक घोटाला है। भारत को बदलने के लिए राफेल मोदी सरकार को दोबारा सत्ता में लेकर आएगा।''
"इस सदन में मुझे झूठी कहा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी को चोर कहा गया। ये शब्द सदन की कार्यवाही से बाहर किए जाने चाहिए। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, प्रधानमंत्री बेहद गरीब परिवार से हैं। आप भले ही किसी खानदान से होंगे, लेकिन इससे आपको प्रधानमंत्री को चोर और मुझे झूठा कहने का अधिकार नहीं मिल जाता।"

राहुल ने कहा- हमारे सवालों का जवाब देना चाहिए
- राहुल गांधी ने सदन में कहा, "मुझे आश्चर्य हुआ कि जो पैसा हिंदुस्तान की जनता का है उसके बारे में हिंदुस्तान की जनता को ही नहीं बताया जा रहा। मैं मिस्टर पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदीजी पर आरोप लगा रहा हूं, क्योंकि वे सीधे इसमें शामिल हैं।"
- "अनिल अंबानी को ऑफसेट पार्टनर का सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला। आपने दो घंटे जवाब दिया, लेकिन एक बार भी अनिल अंबानी का नाम नहीं लिया। आपने नहीं बताया कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला किसने लिया?"
- "फ्रांसुआ ऑलेंद ने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री जी ने किया। हमने सवाल किया, लेकिन आपने इसका जवाब नहीं दिया। जब आपको सही दाम पर 126 एयरक्राफ्ट मिल रहे थे तो आपने 36 क्यों खरीदे। 126 ही क्यों नहीं खरीदे?"



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.