इस बार कुंभ में ई-रुपया, पंडे ले रहे हैं स्वाइप मशीन-पेटीएम से दक्षिणा

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रवि श्रीवास्तव/आदित्य तिवारी, प्रयागराज .हम अर्धकुंभ मेला क्षेत्र से करीब 200 मीटर दूर संगम तट पर खड़े हैं। थोड़ा आगे बढ़े तो चौंकाने वाला नजारा दिखा। यहां पंडों की लाइन में बैठे रामकृष्ण तिवारी एक श्रद्धालु से स्वाइप मशीन से दक्षिणा ले रहे थे।

32 वर्षीय रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि 10 में से करीब 4 श्रद्धालु स्वाइप मशीन के जरिये पेमेंट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि "मैंने सोचा यहां देश-विदेश से लोग आते हैं। ऐसे में जब सब हाईटेक हो रहा है तो हम क्यों न हों?

आगे बढ़े तो चार छत्र वाले प्रभात मिश्र और टीका स्पेशलिस्ट गोपाल गुरु मिले। ये दोनों पेटीएम से दक्षिणा ले रहे हैं। यहां कई ऐसे पंडे हैं जो दक्षिणा के लिए इसी तरह अलग-अलग डिजिटल तरीका अपना रहे हैं। इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक मेले के लिए ई-रुपया लॉन्च कर रहा है। मेले के सूचना विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संजय राय कहते हैं कि मेला प्राधिकरण के साथ पीएनबी का एमओयू हुआ है।

ये मेले के लिए विशेष रूप से ई-रुपया लॉन्च कर रहे हंै। जिसे नगदी खोने का डर है वह मेला क्षेत्र में लगे स्टाॅल पर कैश जमा कर ई-रुपया कार्ड ले सकता है। कार्ड में बचा पैसा पीएनबी के स्टाॅल से वापस लेने की भी सुविधा रहेगी। पीएनबी के एमडी सुनील मेहता बताते हैं कि मेला क्षेत्र में 1000 दुकानदारों को स्वाइप मशीन दी जाएगी। इसके अलावा अन्य बैंकों के एटीएम बूथ और मोबाइल एटीएम बूथ मेला परिसर में रहेंगे।

अधिकारियों का कहना है कि 10 जनवरी के बाद पंडों और दुकानदारों को डिजिटल पेमेंट की और भी कुछ सुविधाएं दी जाएंगी। वहीं पेटीएम ने भी कुंभ में दुकानों पर अपनी सुविधा देनी शुरू कर दी है। पहली बार कुंभ में एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है। पहली बार कुंभ के एंट्री पॉइंट्स पर 20 सिग्नेचर गेट बनाए जा रहे हैं। यहीं से श्रद्धालु मेले में प्रवेश करेंगे। इन गेटों पर सांस्कृतिक और अाध्यात्मिक आकृतियां उकेरी जाएंगी। वैसे ताे ये अर्धकुंभ है, लेकिन इस बार सरकार इसे कुंभ की तरह ही भव्य पैमाने पर आयोजित कर रही है। जिसकी शुरुआत 15 जनवरी से हो रही है।


कुंभ का नजारा भी इस बार बिल्कुल अलग होगा। यहां पहली बार लेजर लाइट और साउंड शो का भी आयोजन किया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में अाध्यात्मिक संगीत बजता रहेगा। इस संगीत की खासियत होगी कि इसमें कुंभ, संतों, अखाड़ों और अध्यात्म के बारे में ज्ञान भी दिया जाएगा। इस बार कुंभ का क्षेत्र भी 30 फीसदी बढ़ाया गया है। पहले 15 से 20 किमी के क्षेत्र में कुंभ का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार 45 किमी का क्षेत्र है।

आयोजक बताते हैं कि पहली बार अक्षयवट का दर्शन भी तीर्थराज प्रयाग आने वाले श्रद्धालु कर सकेंगे। माना जाता है कि कुंभ आने वाले तीर्थयात्री जब तक अक्षयवट का दर्शन नहीं करते तब तक उनकी यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती है। 10 जनवरी से मूल अक्षयवट के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे। मान्यता है कि प्रलय के समय जब धरती जलमग्न हो गई थी तब भी अक्षयवट दिखाई दे रहा था। डीआईजी/एसएसपी कुंभ मेला केबी सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र सहित शहरभर में नाॅर्मल सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ पीटीजेड कैमरे भी लगाए गए हैं।

यह 360 डिग्री पर घूमते हैं। इनकी नाइट विजन की पिक्चर क्वालिटी बेहतर होगी। इनको कंट्रोल रूम से कनेक्ट करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर का यूज़ किया गया है। पूरे शहर में 10 हजार सीसीटीवी कैमरे लगने थे, लेकिन अभी 2000 कैमरे लगे हैं। जिसमंे से 450 कैमरों को मेला क्षेत्र में लगाया गया है। हेल्पलाइन के लिए डायल 100 और 1920 हेल्पलाइन जारी की गई है।

कुंभ के लिए 20000 पुलिसकर्मी और 70 कंपनी पैरामिलिट्री बुलाई गई है। यह फोर्स और बढ़ाई जा सकती है। कुंभ में 20 सेक्टर में से 15 स्थानों पर कम्प्यूटराइज्ड खोया-पाया केंद्र बनना है। कंट्रोल रूम खोया-पाया केंद्र के लिए भी सहायता करेगा। कुंभ के लिए यूपी सरकार 2500 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिसमें कुंभ क्षेत्र की तैयारियों के साथ-साथ शहर का सौंदर्यीकरण भी शामिल है।



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