भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत विजय माल्या पहला भगोड़ा घोषित
मुंबई. विजय माल्या को विशेष अदालत (पीएमएलए) ने शनिवार को भगोड़ा घोषित कर दिया है। भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून-2018 के तहत माल्या पहला अपराधी है जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है। कानून को पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माल्या को भगोड़ा घोषित करने की अपील की थी। ईडी अब देश-विदेश में माल्या की संपत्ति जब्त कर सकेगा।
26 दिन मेंमाल्या को दूसरा झटका
लंदन कीवेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत 10 दिसंबर को यह फैसला दे चुकी है कि माल्या को भारतप्रत्यर्पित किया जाए। अदालत ने मामला ब्रिटिश सरकार को भेज दिया था। वहां की सरकार अदालत के फैसले से संतुष्ट होती है तो वह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश जारी करेगी। ऐसा होता है तो माल्या के पास 14 दिन में हाईकोर्ट में अपील का अधिकार होगा।
माल्या ने अगर प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की तो यूके की सरकार के आदेश जारी करने के 28 दिन में उसका प्रत्यर्पण किया जाएगा।
क्या है भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून ?
- वित्तीय घोटाला कर रकम चुकाने से इनकार करने वालों पर इस कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
- आर्थिक अपराध में जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो उन पर कार्रवाई का प्रावधान है।
- 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाया बैंक लोन वाले डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई की जा सकती है।
- भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियां बेचकर भी कर्ज देने वालों की भरपाई का प्रावधान है।
- कानून के मुताबिक, किसी आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए संबंधित एजेंसी को विशेष अदालत में याचिका देनी होती है। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के साथ उसके पते-ठिकानों और संपत्तियों का ब्यौरा भी शामिल होता है।
- जब्त किए जाने योग्य बेनामी संपत्तियों और विदेशी संपत्तियों की सूची भी देनी पड़ती है। साथ ही उसमें संपत्तियों से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी भी शामिल होती है।
- आवेदन मिलने के बाद स्पेशल कोर्ट आरोपी को 6 हफ्ते के अंदर पेश होने के लिए नोटिस जारी करता है।
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