अदालत मे ईडी ने बताया- मिशेल को पहले भी रक्षा सौदों में पैसे मिले
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की विशेष अदालत को बताया कि अगस्ता-वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में बिचौलिये मिशेल क्रिश्चयन को अन्य रक्षा सौदों में भी पैसे मिले। ईडी ने यह जानकारी कोर्ट में शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान दी। अदालत ने मिशेल को 26 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड डील में 24.5 मिलियन यूरो (करीब 192 करोड़ रु.) और 1,60,96,245पाउंड (142 करोड़) मिले।
ईडी ने बताया कि पूछताछ के वक्त यह भी पता चला है कि मिशेल को अन्य रक्षा सौदों में भी पैसे मिले हैं। इन पैसों के लिए आरोपी ने हवाला का भी इस्तेमाल किया गया।
ईडी ने मिशेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत खत्महोने से पहले कोर्ट में पेश किया। जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि अगर इसेछोड़ दिया गया तो यह देश छोड़कर भाग सकता है। इसलिए मिशेल कोन्यायिक हिरासत में दिया जाए।
इससे पहले 31 दिसंबर कोसुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से कहा था कि क्रिश्चियन मिशेल ने 'श्रीमती गांधी' का नाम लिया, लेकिन उसने यह नाम किस संदर्भ में लिया यह अभी हम नहीं कह सकते। मिशेल ने इस बात का भी जिक्र किया कि 'इतालवी महिला का बेटा' किस तरह भारत का प्रधानमंत्री बनेगा। ईडी के मुताबिक, मिशेल ने बताया कि किस तरह हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) को इस डील से अलग किया गया और उसकी जगह यह डील टाटा को दी गई। ईडी ने अदालत को बताया कि वकील को मिशेल से मिलने की इजाजत ना दी जाए, क्योंकि उसे बाहर से निर्देश दिए जा रहे हैं।
मिशेल को दिसंबर में दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया। उस पर वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में 225 करोड़ रुपए की दलाली लेने का आरोप है। इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी भी आरोपी हैं।
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मिशेल पर आरोप था कि उसने बिचौलिए की भूमिका निभाते हुए भारतीय अफसरों को गलत तरीक से पैसा दिया था। पिछले साल सितंबर में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी।
उसके खिलाफ 24 सितंबर 2015 को गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया था। फरवरी 2017 में उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। मिशेल को दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह यूएई की जेल में ही था।
मिशेल पर आपराधिक साजिश का आरोप लगा था, जिसमें एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्यों और अफसरों को भी शामिल किया गया था। यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की सर्विस सीलिंग 6 हजार मीटर से 4500 मीटर तक कम करा ली थी।
सीलिंग कम होने के बाद 556.262 मिलियन यूरो (करीब 44 लाख करोड़ रुपए) के हेलिकॉप्टर कॉन्ट्रैक्ट पर सहमति बनी थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय (यूपीए 2) ने 8 फरवरी 2010 को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए पैसे दिए थे।
मिशेल कंपनी में 1980 से काम कर रहा था। उसके पिता भी कंपनी में भारतीय क्षेत्र के मामलों के लिए सलाहकार रहे थे। सीबीआई का कहना है कि मिशेल का भारत का काफी आना-जाना था। वह रक्षा सौदों में वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाता था। मिशेल को वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अफसरों से सूचनाएं मिलती थीं। इनको वह फैक्स के जरिए इटली और स्विट्जरलैंड भेजता था। इस मामले में एसपी त्यागी को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने डील को इस तरह प्रभावित किया कि कॉन्ट्रैक्ट इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को ही मिले।
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