पानी से भरी खदान में 14 दिन से फंसे 15 मजदूर, बदबू आने से चिंता बढ़ी; पंप आने में 4 दिन लगेंगे
शिलॉन्ग. मेघालयकेजयंती हिल्स इलाके में स्थित कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने की कोशिश 14वें दिन भी जारी है। अभी तक एनडीआरएफ की टीम को कोई सफलता नहीं मिली है। इस बीच बचाव दल के सदस्यों ने पहली बार कहा कि खदान से बदबू आ रही है। इसके बाद मजदूरों के जीवित रहने को लेकर चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को यहां वायुसेना और कोल इंडिया की टीमें भी पहुंचेंगी।
13 दिसंबर से मजदूर इसमें फंसे हुए हैं। 350 फीट गहरी इस खदान में करीब 70 फीटपानी भरा हुआ है। पानी निकालने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन, पंपों की क्षमता पर्याप्त ना होने की वजह से यह काम रोक दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा क्षमता वाले पंपों को आने में अभी 4 दिन का वक्त और लगेगा।
कंपनी ने की मदद की पेशकश
इंडोनेशिया की सुरंग में फंसे 12 बच्चों के बचाव अभियान के दौरान उपकरण भेजने वाली भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ने मेघालय सरकार से मदद की पेशकश की है। कंपनी ने कहा- हमें मजदूरों की फिक्र है। हम अभियान में हर संभव मदद करने को तैयार हैं। हम मेघालय सरकार से संपर्क में हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सभी खदान मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया जाए।
यह अच्छा संकेत नहीं- एनडीआरएफ
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने संतोष सिंह ने कहा- खदान में पानी का स्तर जांचने के लिए एक गोताखोर क्रेन के सहारे उतरा था। 15 मिनट बाद जब उसने सीटी बजाई तो उसे वापस ऊपर खींचा गया। पहली बार बचावकर्मी ने खदान से बदबू आने की बात कही। यह अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि, चमत्कार होते हैं और हम अपनी उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन, व्यवहारिक तौर पर कहूं तो इस तरह के मामलों में मौके काफी कम होते हैं। थाईलैंड में गुफा में फंसे बच्चों के मुकाबले, यहां की स्थितियां ज्यादा मुश्किल हैं।
100 हॉर्स पावर के पंप मांगे, कोई जवाब नहीं मिला
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनडीआरएफ ने जिला प्रशासन से 100 हॉर्स पावर के पंप मांगे थे। लेकिन, अभी तक इस मांग पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। बचाव स्थल पर अभी एनडीआरएफ के 70 और एसडीआरएफ के 22 सदस्य मौजूद हैं। अधिकारियों का कहना है किअभी तक मजदूरों के बारे में हमें कोई सुराग नहीं मिला है। वे किस हाल में हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
नदी का पानी भरने से फंसे थे मजदूर
ये मजदूर पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में स्थित खदान में फंस गए थे। मजदूर खुदाई कर रहे थे, इसी दौरान खदान के पास बहने वाली लैटीन नदी का पानी इसमें भर गया था। इसी पानी को निकालने के लिए पंप मंगाए गए थे, लेकिनइनकीक्षमता नाकाफी साबित हो रही है।
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