रामेश्वरम / हाईटेक ब्रिज बनेगा, जहाज निकालने के लिए इसका 63 मीटर हिस्सा लिफ्ट से उठ सकेगा

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नेशनल डेस्क, नई दिल्ली. रामेश्वरम (RAMESWARAM BRIDGE) को भारत की मुख्यभूमि से जोड़ने के लिए रेलवे एक नए और अनोखे पुल के निर्माण की तैयारी में है। यह पुल 104 साल पुराने मौजूदा पम्बन ब्रिज (PAMBAN ROAD BRIDGE) के समानांतर बनेगा। नए पुल को बनाने में 250 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। यह ब्रिज रामसेतु तक जाने के लिए रास्ते में आता है।

ज्वार के समय पानी पुल तक न पहुंचे, इसलिए ऊंचाई बढ़ाएंगे :मौजूदा पम्बन ब्रिज 24 फरवरी 1914 को शुरू हुआ था। इस ब्रिज से रामसेतु तक आना-जाना और आसान हो जाएगा। इसके निर्माण में यूरोप की तकनीक का उपयोग किया जाएगा। नए ब्रिज को पुराने ब्रिज से तीन मीटर ज्यादा ऊंचा बनाया जाएगा। ताकि ज्वार के समय पानी पुल तक न पहुंच सके। इस पुल का 63 मीटर का बीच का हिस्सा लिफ्ट से जुड़ा होगा, जिसे मालवाहक जहाजों के आने पर ऊपर किया जा सकेगा।

भारत में पहली बार होगा : भारत में पहली बार होगा, जब पुल में बीच का हिस्सा लिफ्ट की तरह सीधा ऊपर-नीचे होगा। इससे बड़े जहाज भी आसानी से गुजर सकेंगे। नए पुल का संचालन ऑटोमेटिक होगा। साथ ही इसमें भविष्य के लिए दो रेल लाइन और इलेक्ट्रिफिकेशन को ध्यान में रखा जाएगा। यह रामसेतु के शुरुआती बिंदु पम्बन द्वीप और धनुषकोडी तथा रामेश्वरम के बीच मुख्य भूमि को जोड़ने में मदद करेगा।

- रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऑटोमेटिक इस ब्रिज को अगले चार साल में तैयार करने की योजना है। 1964 में आए समुद्री तूफान से मौजूदा पम्बन ब्रिज की रेलवे लाइन और एक ट्रेन भी बह गई थी। उस हादसे में सैंकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस हादसे के बाद इस लाइन को फिर से बनाया गया था। अब जर्जर हो रहे पुल को बदलने की बारी है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'क्या कभी मूविंग ब्रिज देखा है? रामेश्वरम को भारत के मेनलैंड से जोड़ने वाला पम्बन सेतु 'वर्टिकल लिफ्ट स्पैन टेक्नोलॉजी' पर बनाया जाएगा। मालवाहक जहाज गुजरने के समय इस टेक्नोलॉजी से पुल के बीच के हिस्से को जरूरत के हिसाब से ऊपर उठाया जा सकेगा।



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PAMBAN ROAD BRIDGE IN RAMESWARAM TO GET BUILT

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